नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि सभी 250 सीटों के परिणाम घोषित हुए। ‘आप’ ने 134, भाजपा ने 104, कांग्रेस ने नौ सीटों पर जीत दर्ज की और तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी रहे हैं।
कांग्रेस ने 2017 में 30 वार्ड पर कब्जा किया था। इस बार पार्टी को 9 सीट से संतोष करना पड़ा। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पार्टी का प्रदर्शन सबसे खराब है। कांग्रेस ने 247 सीट पर प्रत्याशी उतारे थे। आप और भाजपा दोनों ने एमसीडी चुनाव में 250-250 उम्मीदवार खड़े किए और 382 निर्दलीय उम्मीदवार खड़े हुए।
बसपा ने 132 वार्ड, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 26, जनता दल (यूनाइटेड) ने 22 और एआईएमआईएम ने 15 वार्ड पर चुनाव लड़ा। मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी ने खाता भी नहीं खोल सकी। बिहार के नीतीश कुमार की जदयू पूर्वांचल वोट खींचने में नाकाम रही।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार को अभी महाराष्ट्र से बाहर काम करना पड़ेगा। असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिए-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को भी बड़ा झटका लगा है। 15 वार्ड पर चुनाव लड़े और खाता नहीं खुला।
एमसीडी में 2007 से भाजपा का शासन है। उसने 2017 के नगर निगम चुनाव में कुल 270 वार्ड में से 181 पर जीत दर्ज की थी। आप ने 48 और कांग्रेस ने 30 वार्ड जीते थे। इस साल की शुरुआत में केंद्र सरकार ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों का एकीकरण कर दिया था जिसके बाद वार्ड की संख्या 250 हो गयी थी।
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में मतदाताओं की कुल संख्या 1,45,05,358 है जिनमें 78,93,418 पुरुष, 66,10,879 महिलाएं और 1,061 ट्रांसजेंडर व्यक्ति हैं। नए परिसीमन के बाद यह पहला नगर निगम चुनाव था।
एमसीडी चुनाव में 1.45 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करने के पात्र थे। कुल 1,349 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। दिल्ली में 2012-2022 तक 272 वार्ड थे और तीन निगम - उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी), दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) थे।
तीनों नगर निगमों के फिर से एकीकृत होने के बाद एमसीडी औपचारिक रूप से 22 मई को अस्तित्व में आया था। वर्ष 1958 में स्थापित एमसीडी को 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान तीन भागों में बांट दिया गया था। वर्ष 2017 में हुए नगर निगम चुनाव में भाजपा ने 270 वार्ड में से 181 वार्ड में जीत हासिल की थी। उस वर्ष हुए चुनाव में लगभग 53 प्रतिशत मतदान हुआ था।