मायावती का BJP पर हमला, सबसे ज्यादा बेनामी संपत्ति बीजेपी के पास, चुनाव के दौरान खाते में आए थे 2000 करोड़ रुपये

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 19, 2019 09:22 AM2019-07-19T09:22:00+5:302019-07-19T09:24:19+5:30

गुरुवार को आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद और भाभी का नोएडा में स्थित 400 करोड़ रुपये का ‘बेनामी’ व्यावसायिक भूखंड जब्त कर लिया है। मायावती ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी पर वंचितों को परेशान करने का आरोप लगाया।

Mayawati Hits Out At BJP After Attachment Of Brother's Property | मायावती का BJP पर हमला, सबसे ज्यादा बेनामी संपत्ति बीजेपी के पास, चुनाव के दौरान खाते में आए थे 2000 करोड़ रुपये

मायावती का सवाल-मोदी सरकार आने के बाद ही बीजेपी ने अपने नए दफ्तर कहां से खोले

Highlightsमायावती का आरोप-सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है मोदी सरकारवंचितों को परेशान कर रही है मोदी सरकार, लेकिन बीएसपी नहीं झुकेगी-मायावती

बसपा अध्यक्ष मायावती ने भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार पर हमला बोला है। गुरुवार को आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद और भाभी का नोएडा में स्थित 400 करोड़ रुपये का ‘बेनामी’ व्यावसायिक भूखंड जब्त कर लिया है। मायावती ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी पर वंचितों को परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा बेनामी संपत्ति बीजेपी के पास है और चुनाव के दौरान पार्टी के खाते में 2000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा आए थे।

इससे पहले गुरुवार को मायावती ने कहा था, बीजेपी केन्द्र की सत्ता का अभी भी दुरुपयोग कर अपने विपक्षियों को षडयंत्र के तहत जबरन फर्जी मामलों में फंसाकर उन्हें प्रताड़ित कर रही है। इसी क्रम में अब मेरे भाई-बहनों आदि को भी जबर्दस्ती परेशान किया जा रहा है, जो अति-निन्दनीय है। लेकिन इससे बीएसपी डरने व झुकने वाली नहीं है।
ऐसी ही घिनौनी हरकत इसी पार्टी की सरकार ने सन 2003 में भी आयकर व सीबीआई आदि के जरिए हमारे विरूद्ध की थी, जो सर्वविदित है, जिसमें फिर हमें अन्त में काफी संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्याय मिला।

क्या है मामला

दिल्ली स्थित बेनामी निषेध इकाई (बीपीयू) ने 16 जुलाई को नोएडा की इस सात एकड़ की व्यावसायिक संपत्ति को जब्त करने का अस्थायी आदेश जारी किया था। इस भूखंड का लाभप्रद मालिकाना हक बसपा प्रमुख मायावती के भाई आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्र लता के पास है । मायावती ने हाल ही में अपने भाई आनंद कुमार को बहुजन समाज पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया था । बेनामी संपत्तियां वे हैं जिन्हें वास्तविक लाभार्थी के बजाय किसी अन्य के नाम पर खरीदा गया। 

व्यावसायिक भूखंड जिस पर कि पांच सितारा होटल के निर्माण और अन्य आलीशान सुविधाओं को विकसित किये जाने की योजना थी, नोएडा के सेक्टर 94 में संख्या 2ए पर पंजीकृत है। नोएडा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का हिस्सा है। पीटीआई को प्राप्त आदेश की प्रति के अनुसार इसे जब्त करने का आदेश बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध अधिनियम 1988 की धारा 24(3) के तहत जारी किया गया था । अधिनियम की यह धारा अधिकारियों को संपत्ति जब्त करने की शक्ति देती है यदि यह पता चलता है कि संपत्ति का मालिकाना हक रखने वाला व्यक्ति इसे 'बेनामी' रखता है अथवा वह इसे बदल अथवा बेच सकता है । 

आदेश के अनुसार विभाग जब्त की गई सम्पत्ति को कुमार और उनकी पत्नी की ‘बेनामी’ संपत्ति माना गया है जो 28,328.07 वर्ग मीटर अथवा लगभग सात एकड़ में फैली है। इसमें कहा गया है कि जब्त की गई सम्पत्ति की कीमत 400 करोड़ रुपए है। जांच के निष्कर्षों के अनुसार, कर विभाग ने कम से कम छह फर्मों द्वारा "शेयरधारिता के जटिल ताने-बाने" का पता लगाया, जिसमें डमी कंपनियां भी शामिल थीं, जो 'बेनामीदार' या ऐसी संस्थाएं थीं जिनके नाम पर 'बेनामी' संपत्ति है।

इस क्रम में बेनामीदार के रूप में जिन कंपनियों की पहचान की गयी है उनमें विजन टाउन प्लानर्स प्राइवेट लिमिटेड, बीपीटीपी इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर प्राइवेट लिमिटेड, यूरो एशिया मर्केंटाइल प्राइवेट लिमिटेड, सनी कास्ट एंड फोर्ज प्राइवेट लिमिटेड, करिश्मा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और एड-फिन कैपिटल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। विभाग ने आरोप लगाया कि इन कंपनियों के जरिए किए गए बहुस्तरीय 'बेनामी' लेन-देन के आनंद कुमार और विचित्र लता एकमात्र लाभार्थी हैं। 

बेनामी निषेध कानून के तहत परिभाषित संपत्ति के स्वामित्व के लिए कुमार और उनकी पत्नी पर वास्तव में धन के भुगतान का आरोप लगाया गया है। कर जांच के अनुसार, अवैध रूप से पैसा लगाने वाले दिल्ली के हवाला एंट्री ऑपरेटरों की सेवाओं का इस्तेमाल करने के बाद यह संपत्ति खरीदी गयी थी। विभाग ने यह माना है कि इन कंपनियों के "धन का स्रोत" आयकर अधिनियम, 1961 की धाराओं के तहत "काल्पनिक" और "अस्पष्ट नकदी ऋण" है। 

देश में 1988 में बने और नवंबर 2016 से लागू बेनामी निरोधक अधिनियम का उल्लंघन करने वाले को सात साल तक के कठोर कारावास और 'बेनामी' सम्पत्ति के बाजार मूल्य का 25 प्रतिशत जुर्माने के तौर पर भी देना पड़ सकता है। इस कानून का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ आयकर अधिनियम 1961 के तहत मामला चलाया जाता है । देश में बेनामी अधिनियम को लागू करने के लिए आयकर विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है ।

Web Title: Mayawati Hits Out At BJP After Attachment Of Brother's Property

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