लाइव न्यूज़ :

मराठा आरक्षणः उद्धव ठाकरे ने गेंद केंद्र के पाले में डाली, एमकेएम ने राज्य सरकार पर निशाना साधा

By भाषा | Updated: May 5, 2021 20:35 IST

Open in App

मुम्बई , पांच मई महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण से संबंधित कानून को खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए मुख्मयंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि वह केंद्र से 'हाथ जोड़कर' अनुरोध कर रहे हैं कि जिस तत्परता के साथ उसने अनुच्छेद 370 एवं अन्य विषयों पर कदम उठाया उसी तत्परता के साथ वह इस संबंध में भी दखल दे।

शीर्ष अदालत के फैसले के बाद एक बयान में ठाकरे ने कहा, ‘‘ हम हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति से मराठा आरक्षण पर तत्काल निर्णय लेने का अनुरोध करते हैं।

उन्होंने कहा कि अतीत में केंद्र सरकार ने अपने फैसलों को मजबूती प्रदान करने के लिए संविधान में संशोधन किया , वैसी ही तत्परता मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए दिखायी जानी चाहिए।

उन्होंने राज्य में लोगों से शांति बनाये की अपील भी की। उन्होंने कहा कि इस समुदाय को आरक्षण का निर्णय महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से लिया गया था और यह गायकवाड़ आयोग की सिफारिश पर आधारित था लेकिन, शीर्ष अदालत ने उसे इस आधार पर निरस्त कर दिया कि राज्य को इस तरह के आरक्षण देने का हक नहीं है।

ठाकरे ने कहा कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 , ‘‘शाहबानो प्रकरण’’ , उत्पीड़न कानून के संदर्भ में जैसी तत्परता दिखायी थी, उसे इस समुदाय को मदद प्रदान करने में वैसी ही तत्परता दिखानी चाहिए।

उनका इशारा अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के लिए , तीन तलाक को दंडनीय बनाने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाये गये कानून या संवैधानिक संशोधन तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति (उत्पीड़न रोकथाम) अधिनियम को शीर्ष अदालत द्वारा शिथिल बनाये जाने के बाद उसमें कड़े प्रावधान बनाये रखने के लिए केंद्र द्वारा उठाये गये कदम की ओर था।

ठाकरे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य छत्रपति संभाजीराजे एक साल से इस विषय पर प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांग रहे हैं लेकिन यह व्यर्थ गया। उन्होंने सवाल किया, ‘‘ उन्हें प्रधानमंत्री ने क्यों समय नहीं दिया। ’’

उन्होंने यह भी कहा , ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत नहीं किया जा सकता, लेकिन किसी को भी लोगों को नहीं भड़काना चाहिए। जब तब हम आरक्षण मामला जीत नहीं जाते, प्रयास जारी रहना चाहिए।’’

शीर्ष अदालत ने इस कानून को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए खारिज कर दिया और कहा कि 1992 में मंडल फैसले के तहत निर्धारित 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा के उल्लंघन के लिए कोई असाधारण परिस्थिति नहीं है।

नौकरियों एवं दाखिले में मराठों को आरक्षण देने के लिए 2018 में राज्य की तत्कालीन भाजपा नीत सरकार ने एसईबीसी (सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ा समुदाय) अधिनियम पारित किया था।

इस बीच, मराठा क्रांति मोर्चा (एमकेएम) के संयोजक विनोद पाटिल ने मराठा आरक्षण कानून के उच्चतम न्यायालय के निरस्त हो जाने को लेकर महाराष्ट्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि उसने समय से कानूनी रणनीति नहीं बनायी।

उन्होंने औरंगाबाद में कहा कि भाजपा को भी बताना चाहिए कि वह मराठा समुदाय के लिए क्या कर सकती है।

पाटिल का संगठन आरक्षण से जुड़े मराठा आंदोलन में अग्रणी रहा था।

वहीं, केंद्रीय मंत्री राम दास अठावले ने कहा कि केंद्र को मराठा, जाट, राजपूत एवं रेड्डी जैसे ‘क्षत्रिय समुदायों’ को अलग से आरक्षण देना चाहिए।

मराठा आरक्षण कानून को उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज किये जाने पर उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने इस मामले को ढंग से पेश नहीं किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे मराठा और जाटों, राजपूतों एवं रेड्डी जैसे अन्य क्षत्रिय समुदायों के उन सदस्यों के लिए आरक्षण का अनुरोध करने जा रहा हूं जिनकी आय आठ लाख रूपये तक है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतराज्य सरकार के अधिकारी और नौकरशाह ‘माननीय’ शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते?, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने-केवल मंत्री करेंगे

भारतबिहार सरकारी स्कूलः शिक्षक नियुक्ति में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा, नहीं मिल रहा 69,000 शिक्षक के सर्टिफिकेट

भारतबिहार राज्यसभा चुनावः 5 सीट खाली, राजद के सामने 1 सीट संकट, एक सदस्य के लिए 48 विधायकों की जरूरत, देखिए विधानसभा आंकड़े

भारतSSC CGL Tier 1 Exam 2025 का रिजल्ट जारी, यहां से सीधे डाउनलोड करें

भारतविधानसभा में वंदे मातरम के मुद्दे पर चर्चा कराएगी योगी सरकार?, यूपी का अनुपूरक बजट 22 दिसंबर को पेश, 24 दिसंबर को होगा पास

भारत अधिक खबरें

भारतश्री गुरु तेग बहादुर जी की  350 वें शहीदी दिवस पर सीएम सैनी ने विधानसभा सत्र को किया संबोधित

भारतलोकसभा में पास हुआ 'जी राम जी' बिल, शिवराज चौहाने बोले- "कांग्रेस ने बापू के आदर्शों को खत्म कर दिया"

भारतMaharashtra: बॉम्बे हाईकोर्ट में बम की धमकी से हड़कंप, मुंबई के बांद्रा और एस्प्लेनेड कोर्ट खाली कराए गए

भारतFlight Advisory: दिल्ली में घने कोहरे से उड़ाने प्रभावित, इंडिगो समेत एयरलाइंस ने जारी की एडवाइजरी

भारतChhattisgarh: सुकमा में सुरक्षाबलों और माओवादियों संग मुठभेड़, कई माओवादी ढेर