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मराठा आरक्षण: 15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले अशोक चव्हाण ने की बैठक, जानिए क्या कहा

By भाषा | Updated: July 11, 2020 05:41 IST

महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को शिक्षा में 12 प्रतिशत और सरकारी नौकरियों में 13 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को पिछले साल उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी। 

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ठळक मुद्दे मराठा आरक्षण के मुद्दे पर 15 जुलाई को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई से पहले कोटे को लेकर बनाई गई महाराष्ट्र कैबिनेट की उपसमिति की शुक्रवार को बैठक हुई।समिति के अध्यक्ष महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि शीर्ष अदालत में अपना पक्ष रखते समय सरकार समुदाय के सभी वर्गों को विश्वास में लेगी। 

मुंबईः मराठा आरक्षण के मुद्दे पर 15 जुलाई को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई से पहले कोटे को लेकर बनाई गई महाराष्ट्र कैबिनेट की उपसमिति की शुक्रवार को बैठक हुई, जिसमें समुदाय के कई नेताओं ने शिकरत की। समिति के अध्यक्ष महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि शीर्ष अदालत में अपना पक्ष रखते समय सरकार समुदाय के सभी वर्गों को विश्वास में लेगी। 

चव्हाण के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उन्होंने एक बार फिर यह बात दोहराई है कि सरकार अदालत में अपना पक्ष रखते समय यह सुनिश्चित करने के लिये सभी प्रयास करेगी कि आरक्षण का अपना एक आधार है। वीडियो कांफ्रेस के जरिये हुई इस बैठक में राज्य मंत्रियों एकनाथ शिंदे, बालासाहेब थोराट, दिलीप वाल्से पाटिल और विजय वदेत्तीवार के अलावा मराठा समुदाय के नेता संभाजी राजे, विनायक मेते और अन्य नेताओं ने शिरकत की। 

महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को शिक्षा में 12 प्रतिशत और सरकारी नौकरियों में 13 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को पिछले साल उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी। 

बयान में चव्हाण के हवाले से कहा गया है, ''आरक्षण को लेकर अदालत में चल रहे मामलों के संबंध में सरकार की तैयारियों को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं। हालांकि सरकार अदालत में यह साबित करने के लिये अच्छी तरह तैयार है कि राज्य के विधानमंडल द्वारा पारित किया गया आरक्षण अपना आधार रखता है।'' 

शिंदे ने कहा कि सरकार यह साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी कि आरक्षण वैध है। वहीं वास्ले पाटिल ने आश्वासन दिया कि सरकार इस मामले में समुदाय के सभी वर्गों से सहयोग लेगी। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के इस कानून को भाजपा सरकार के कार्यकाल में मंजूरी दी गई थी।

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