मानसरोवर यात्रा: खराब मौसम के कारण मृतकों की संख्या बढ़ी
By भाषा | Published: August 11, 2018 07:24 PM2018-08-11T19:24:28+5:302018-08-11T19:24:28+5:30
इस वर्ष ट्रेक मार्ग ठीक नहीं होने के कारण नोडल एजेंसी को 225 से अधिक उन तीर्थयात्रियों को यात्रा से मना करना पड़ा जिन्हें भारतीय सीमा क्षेत्र में जोलिंगकोंग में छोटा कैलास की यात्रा के लिए आरक्षित किया गया था।
पिथौरागढ़, 11 अगस्त: लम्बे समय से खराब मौसम और क्षतिग्रस्त यात्रा मार्ग के कारण इस वर्ष कैलास-मानसरोवर यात्रा से लौटते समय मरने वाले श्रद्धालुओं की संख्या छह से अधिक हो गई है और करीब एक हजार खच्चर ऑपरेटरों और कुलियों को इस सीजन में अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा है। मौसम साफ होने का इंतजार करने के बाद सात तीर्थयात्रियों को वापस आना पड़ा ताकि हेलीकॉप्टरों से उन्हें पिथौरागढ़ से गुंजी आधार शिविर ले जाया जा सके। तीर्थयात्रियों के 10वें जत्थे को मौसम साफ होने के लिए दस दिनों का इंतजार करना पड़ा ताकि उन्हें वायु सेना के हेलीकॉप्टरों से नैनी-सैनी हवाई पट्टी से गुंजी ले जाया जा सके।
यात्रा के लिए नोडल एजेंसी कुमाऊं मंडल विकास निगम ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा था और तीर्थयात्रियों के नये जत्थे नहीं भेजने का आग्रह किया था। निगम के जीएम टीएस मर्तोलिया ने बताया कि मानसरोवर तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टर से ले जाना इस वर्ष आवश्यक हो गया था क्योंकि गुंजी जाने वाला ट्रेक मार्ग प्राकृतिक आपदा के कारण बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था और जिसकी समय पर मरम्मत नहीं की जा सकी थी।
यात्रा सत्र के दौरान लखनपुर से लिपुलेख के बीच 57 किलोमीटर की दूरी पर लगभग एक हजार कुली, खच्चर तथा टट्टू ऑपरेटरों और स्थानीय शिल्पकार अपना व्यापार चलाते हैं और साल भर के लिए कमाई कर लेते हैं। इस वर्ष ट्रेक मार्ग ठीक नहीं होने के कारण नोडल एजेंसी को 225 से अधिक उन तीर्थयात्रियों को यात्रा से मना करना पड़ा जिन्हें भारतीय सीमा क्षेत्र में जोलिंगकोंग में छोटा कैलास की यात्रा के लिए आरक्षित किया गया था। मर्तोलिया ने कहा,‘‘हमें ट्रेक मार्ग खराब होने के कारण इस वर्ष छोटा कैलास यात्रा रद्द करने पर भारी नुकसान हुआ है।
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