गिरती अर्थव्यवस्था पर मनमोहन सिंह ने उठाए सवाल, कहा- मोदी सरकार नहीं कर रही है सच को स्वीकार
By शीलेष शर्मा | Published: September 12, 2019 07:36 PM2019-09-12T19:36:41+5:302019-09-12T19:36:41+5:30
डॉलर के मुकाबला रुपया लगातार गिर रहा है, यदि सरकार सही नीति के तहत काम करती तो इस परिस्थिति का भी लाभ उठा सकती थी. बेहतर होता कि ऐसे हालातों में सरकार निर्यात को बढ़ावा देती और बड़े पैमाने पर निर्यात कर उसका लाभ देश को दिला सकती थी.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने गिरती अर्थव्यवस्था पर गहरी चिंता जताते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि कैसी बिंडवना है कि यह जानते हुए कि देश की अर्थव्यवस्था में गंभीर खामियां हैं बावजूद इसके मोदी सरकार इस सच को स्वीकार नहीं कर रही है. मनमोहन सिंह ने रियल स्टेट का उदाहरण देते हुए कहा कि देश के आठ बड़े शहरों में 4.5 लाख मकान बनकर तैयार खड़े हैं लेकिन सरकार की नीतियों के कारण उनका कोई खरीददार नहीं है.
डॉलर के मुकाबला रुपया लगातार गिर रहा है, यदि सरकार सही नीति के तहत काम करती तो इस परिस्थिति का भी लाभ उठा सकती थी. बेहतर होता कि ऐसे हालातों में सरकार निर्यात को बढ़ावा देती और बड़े पैमाने पर निर्यात कर उसका लाभ देश को दिला सकती थी.
मोदी सरकार पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की बात कर रही है जोर-शोर से प्रचार किया जा रहा है लेकिन वह भूल रही है कि पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लेकर 12 फीसदी की विकास दर की जरुरत होगी. जबकि हमारी विकास दर आज केवल 5 फीसदी है.
ऑटो मोबाइल के क्षेत्र में यदि यही सिलसिला गिरावट का जारी रहा तो दस लाख नौकरियां अगले कुछ महीनों में समाप्त हो जाएगी, लोग अपना रोजगार खो देगें, कल्पना कीजिये कि पहले से देश में रोजगार का आभाव है और उसके ऊपर दस लाख जब रोजगार से बेरोजगार बनेगे तो उसका क्या असर होगा. यदि सरकार ने समय रहते कदम उठाया होता तो यह हालात नहीं पैदा होते.