Manmohan Singh death updates: बीएमडब्ल्यू नहीं मारुति-800 कार पसंद?, यूपी सरकार के मंत्री असीम अरुण ने पुरानी यादें ताजा करते हुए पोस्ट में कहीं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 27, 2024 12:10 IST2024-12-27T12:08:41+5:302024-12-27T12:10:23+5:30
Manmohan Singh death updates: नयी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन होने के बाद असीम अरुण ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं 2004 से लगभग तीन साल तक उनका बॉडी गार्ड रहा।’’

सांकेतिक फोटो
Manmohan Singh death updates: प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह को बीएमडब्ल्यू के बजाय अपनी मारुति-800 कार पसंद थी क्योंकि वह इस कार के जरिए मध्यम वर्ग से जुड़ाव महसूस करते थे। ये बातें उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने मनमोहन सिंह के साथ अपनी पुरानी यादें ताजा करते हुए एक पोस्ट में कहीं। नयी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन होने के बाद असीम अरुण ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं 2004 से लगभग तीन साल तक उनका बॉडी गार्ड रहा।’’
मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा। एसपीजी में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है - क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता। यदि एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा… pic.twitter.com/468MO2Flxe
— Asim Arun (@asim_arun) December 26, 2024
पूर्व प्रधानमंत्री एवं प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का निधन अत्यंत दुःखद एवं भारतीय राजनीति की अपूरणीय क्षति है।
वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश की शासन व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।
उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!
प्रभु श्री राम…— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 26, 2024
उन्होंने आगे लिखा, “एसपीजी में प्रधानमंत्री की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है- क्लोज प्रोटेक्शन टीम(सीपीटी), जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। एआईजी सीपीटी के रूप में, मेरी जिम्मेदारी हर समय प्रधानमंत्री के साथ उनकी छाया की तरह रहना था। अगर केवल एक अंगरक्षक उनके साथ रह सकता था, तो वह मैं ही था।’’
उन्होंने कहा कि डॉ. साहब की अपनी एक ही कार थी- मारुति 800, जो प्रधानमंत्री आवास में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी। उन्होंने कहा, ‘‘मनमोहन सिंह जी बार बार मुझसे कहते-‘असीम मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह (मारुति) है।’ मैं बीएमडब्ल्यू की सुरक्षा संबंधी विशेषताओं के बारे में उन्हें समझता।
लेकिन जब काफिला मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते। जैसे यह संकल्प दोहरा रहे हों कि वे मध्यम वर्ग के व्यक्ति हैं और आम आदमी की चिंता करना उनका काम है। वह समझते कि करोड़ों की गाड़ी प्रधानमंत्री की है, लेकिन खुद उनकी तो यह मारुति-800 है।”
भारत के आर्थिक सुधारों में मनमोहन सिंह ने अमिट छाप छोड़ी है:आरबीआई गवर्नर
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत के आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में उन्होंने अमिट छाप छोड़ी है। पूर्व प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री सिंह 1982 से 1985 के बीच आरबीआई के गवर्नर भी रहे। मल्होत्रा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ मैं पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से बेहद दुखी हूं। वह एक दूरदर्शी अर्थशास्त्री और आरबीआई के पूर्व गवर्नर थे। भारत के आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में उनके योगदानों ने अमिट छाप छोड़ी है। आरबीआई इस शोकाकुल घड़ी में देश के साथ है। ’’ आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताया और उन्हें एक प्रतिभाशाली अर्थशास्त्री करार दिया जिनके पास भारत की संभावनाओं के बारे में दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ-साथ राजनीतिक व्यवहार्यता की अच्छी समझ भी थी। राजन ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में कहा, ‘‘ वे एक बेहतरीन अर्थशास्त्री थे, जिनके पास भारत के भविष्य के बारे में एक शानदार दृष्टिकोण था। साथ ही उन्हें इस बात की भी अच्छी समझ थी कि राजनीतिक रूप से क्या संभव है... प्रधानमंत्री नरसिंह राव के सहयोग से उन्होंने जो उदारीकरण और सुधार किए उससे उन्होंने आधुनिक भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव रखी।’’ भारत के आर्थिक सुधारों के जनक माने जाने वाले मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार देर रात 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया।