बीते दिनों मेट्रो मैन ई श्रीधरन ने पीएम मोदी को पत्र लिखा था और दिल्ली सरकार के महिलाओं को मुफ्त मेट्रो सेवा के फैसले की आलोचना की थी। अब आज इस पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का बयान सामने आया है।
उन्होंने मीडिया से कहा कि दिल्ली मेट्रो घाटे में चल रही है. दिल्ली मेट्रो की क्षमता प्रतिदिन 40 लाख लोगों को ढोने की है जबकि यह अभी भी 25 लाख लोगों को ही सुविधा दे रही है।
उन्होंने कहा “मेट्रो के व्यवस्थित तंत्र को बनाए रखने के लिए 2002 में मेट्रो सेवा शुरू होने के समय ही हमने किसी तरह की सब्सिडी नहीं देने का सैद्धांतिक फ़ैसला किया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी इसकी प्रशंसा की थी।
इतना ही नहीं अटल जी ने भी उद्घाटन के समय ख़ुद टिकट ख़रीदकर मेट्रो यात्रा कर इस बात का संदेश दिया था कि मेट्रो सेवा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ऐसा किया जाना ज़रूरी है।”
श्रीधरन ने दलील दी कि सब्सिडी देने की परम्परा से मेट्रो प्रबंधन द्वारा विदेशी एजेंसियों से लिया गया क़र्ज़ अदा करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो की इस प्रतिबद्धता का पालन देश के अन्य शहरों की मेट्रो सेवा द्वारा भी किया जा रहा है।
अगर दिल्ली में मुफ़्त यात्रा सेवा शुरू होगी तो ऐसी माँग अन्य शहरों में भी उठेगी। श्रीधरन ने सुझाव दिया कि सरकार अगर चाहे तो अन्य सरकारी योजनाओं की तरह इस सब्सिडी को भी डीबीटी पद्धति से लाभार्थी के खाते में सीधे पहुंचाए।