Manipur Violence: इंटरनेट बैन, कर्फ्यू के बाद मणिपुर जाने वालीं सभी ट्रेनें हुईं रद्द, पड़ोसी राज्यों ने अपने लोगों की निकासी तेज की
By अनिल शर्मा | Published: May 5, 2023 11:46 AM2023-05-05T11:46:44+5:302023-05-05T12:23:43+5:30
इस बीच पड़ोसी राज्यों - मेघालय और नागालैंड - ने मणिपुर से अपने लोगों को वापस लाने के लिए निकासी के प्रयास तेज कर दिए हैं। राज्य सरकार के पास अभी स्पष्ट आंकड़ा नहीं है कि इस हिंसा में कितने लोग मारे गए हैं। और कितने जख्मी हुए हैं।
Manipur Violence: दो दिन पहले आदिवासियों और गैर जनजाति मैतेई के बीच मणिपुर के कुछ हिस्सों में हिंसक झड़पों के मद्देनजर, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेनों को रोक दिया है। स्थिति में सुधार होने तक किसी भी ट्रेन को हिंसा प्रभावित राज्य में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। 4 ट्रेनें रद्द की गई हैं। शुरुआत में यह फैसला सिर्फ 5 और 6 मई के लिए लिया गया है। रेलवे ने कहा कि मणिपुर सरकार द्वारा ट्रेन की आवाजाही रोकने की सलाह के बाद यह निर्णय लिया गया है।
इस बीच पड़ोसी राज्यों - मेघालय और नागालैंड - ने मणिपुर से अपने लोगों को वापस लाने के लिए निकासी के प्रयास तेज कर दिए हैं। राज्य सरकार के पास अभी स्पष्ट आंकड़ा नहीं है कि इस हिंसा में कितने लोग मारे गए हैं। और कितने जख्मी हुए हैं। मणिपुर में तनाव तो फरवरी से ही बना था जब राज्य सरकार ने संरक्षित इलाकों से अतिक्रमण हटाना शुरू किया था। सरकार की इस कार्रवाई की लोग काफी विरोध कर रहे थे, लेकिन हालात 3 मई को बेकाबू हो गए जब हाई कोर्ट ने एक आदेश दिया। हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह 10 साल पुरानी सिफारिश को लागू करे जिसमें गैर-जनजाति मैतेई समुदाय को जनजाति में शामिल करने की बात कही गई थी।
अदालत के इस आदेश के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) ने ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ का आयोजन किया था। इसी दौरान हिंसा भड़की। और देखते-देखते कई जिलों तक फैल गई। पुलिस के अनुसार, चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में मार्च के दौरान हथियार लिए हुए लोगों की एक भीड़ ने कथित तौर पर मैतेई समुदाय के लोगों पर हमला किया, जिसकी जवाबी कार्रवाई में भी हमले हुए, जिसके कारण पूरे राज्य में हिंसा भड़क गई।
उन्होंने बताया कि तोरबंग में तीन घंटे से अधिक समय तक हुई हिंसा में कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ के साथ ही आगजनी की गई। हिंसा के कारण अबतक 9000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। आदिवासी आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर मणिपुर के आठ जिलों में बुधवार को कर्फ्यू लगा दिया गया और पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं।
एक बयान में भारतीय सेना ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और प्रभावित क्षेत्रों से सभी समुदायों के सभी नागरिकों की निकासी गुरुवार रात भर जारी रही। भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा, "मोरेह और कांगपोकपी में स्थिति नियंत्रण में है और हालात स्थिर हैं। इंफाल और चुराचांदपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी प्रयास चल रहे हैं। सेना ने कहा, मणिपुर में अतिरिक्त सैनिकों की एहतियाती तैयारी जारी है। गौरतलब है कि राज्य के गृह विभाग ने राज्य में हिंसा के कारण फंसे लोगों के लिए राहत शिविर स्थापित किए हैं।