मणिपुर हिसा: खौफजदा मैतेई समुदाय का मिजोरम से पलायन शुरू, मणिपुर सरकार ने कहा कि मैतेई लोगों की वापसी के लिए फ्लाइट की व्यवस्था कर सकते हैं
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 23, 2023 11:46 AM2023-07-23T11:46:04+5:302023-07-23T11:50:34+5:30
मिजोरम में रहने वाले मैतेई समुदाय के लोग हिंसा की आशंका से पलायन का रास्ता अख्तियार कर रहे हैं। मिज़ो नेशनल फ्रंट ने बयान जारी करके मैतेई समुदाय से कहा कि वो अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तत्काल मिजोरम को छोड़ दें।
इंफाल: मणिपुर के मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जारी बीते 3 मई से हिंसा का प्रभाव पड़ोसी राज्य मिजोरम पर भी पड़ने लगा है। जानकारी के अनुसार मिजोरम में रहने वाले मैतेई समुदाय के लोग हिंसा की आशंका से पलायन का रास्ता अख्तियार कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार बीते दिनों कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र करने और उनके साथ किये गये गैंगरैप का वीडियो वायरल होने के बाद मिजोरम में रहने वाले मैतेई समुदाय में दहशत फैल गई है। समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार मेइती समुदाय के कई लोगों ने शनिवार को मिजोरम छोड़कर मणिपुर में प्रवेश किया। मणिपुर सरकार ने कहा कि वह चार्टर्ड उड़ान के जरिये मेइती समुदाय के लोगों को निकालने को तैयार है।
जानकारी के अनुसार मिजोरम में 3 मई को शुरू हुई हिंसा के बाद से 12,584 कुकी समुदाय के लोगों ने मिजोरम में शरण ली है। मौजूदा स्थिति इस कारण से तनावपूर्ण हो गई है क्योंकि मिज़ो नेशनल फ्रंट ने शुक्रवार को बयान जारी करके मैतेई समुदाय से कहा कि वो अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मिजोरम को तत्काल छोड़ दें। मिज़ो फ्रंट की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मणिपुर में जारी जातीय हिंसा से मिज़ो लोगों की भावनाएं बहुत आहत हुई हैं और अब मैतेई लोगों के लिए मणिपुर में रहना सुरक्षित नहीं है।
बताया जा रहा है कि मिजोरम की राजधानी आइजोल में लगभग 2,000 मैतेई लोग रहते हैं, जिनमें सरकारी कर्मचारी, छात्र और श्रमिक शामिल हैं। शुक्रवार रात को मिजो फ्रंट की ओर से जारी किये गये बयान के बाद मिजोरम के डीआइजी उत्तरी रेंज ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि राजधानी आइजोल समेत कुल चार जगहों पर मैतेई की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया गया है।
वहीं शुक्रवार की घटना के बाद शनिवार दोपहर तक मैतेई समुदाय के कुल लोगों ने मिजोरम छोड़ दिया है। जिनमें से अधिकतर आइजोल में एक निजी कंपनी में काम करने वाले बताये जा रहे हैं। मिजोरम छोड़ने वाले मैतेई समुदाय के लोगों ने कहा कि वो राज्य में रहकर हिंसा का शिकार नहीं होना चाहते हैं, इस कारण वो मिजोरम छोड़ रहे हैं।
मिजोरम छोड़ने वालों ने कहा कि उन्हें अब तक मिजोरम में कोई खतरा महसूस नहीं हो रहा है। उनका मानना है कि मिज़ो लोग "बहुत सौम्य, बहुत विनम्र" हैं लेकिन मिजो फ्रंट की ओर से जारी बयान के बाद वो दहशत में हैं और इस कारण वो पलायन कर रहे हैं।
इस बीच, मिजोरम गृह विभाग ने राज्य में रहने वाले मैतेई लोगों को आश्वस्त किया है कि उन्हें कोई खतरा नहीं हैं और राज्य से पलायन करने की कोई आवश्यकता नहीं है। मिजोरम के गृह आयुक्त एच लालेंगमाविया ने कहा: “मैंने आज मिजो फ्रंट से बात की और उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कोई धमकी नहीं बल्कि मैतेई लोगों की सुरक्षा के लिए वह बयान जारी किया गया था।
वहीं मणिपुर सरकार की ओर से कहा गय़ा है कि वो मिजोरम में मैतेई लोगों के पलायन पर नजर बनाये हुए हैं। मिजोरम गृह विभाग ने इस संबंध में एक बयान जारी करते हुए कहा कि मैतेई लोगों के संपर्क में हैं और अगर जरूरत पड़ी तो हम लोगों को मिजोरम से सुरक्षित निकालने के लिए चार्टर्ड प्लेन उपलब्ध कराएंगे।