"हिमंत बिस्वा सरमा मणिपुर विवाद से दूर रहें, तो स्थिति जल्द बेहतर हो सकती है", पी चिदंबरम ने कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 2, 2023 14:18 IST2023-07-02T14:12:22+5:302023-07-02T14:18:11+5:30
पी चिदंबरम ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को घेरते हुए कहा कि सीएम सरमा हिंसाग्रस्त मणिपुर से दूर रहे तो वहां जल्द स्थिति में सुधार हो सकता है।

"हिमंत बिस्वा सरमा मणिपुर विवाद से दूर रहें, तो स्थिति जल्द बेहतर हो सकती है", पी चिदंबरम ने कहा
दिल्ली: देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने मणिपुर हिंसा को शांत करने में लगे हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के लिए बेहद तीखा बयान देते हुए कहा कि सीएम सरमा हिंसाग्रस्त मणिपुर से दूर रहते हैं तो वहां जल्द स्थिति में सुधार हो सकता है। कांग्रेस नेता चिदंबरम ने रविवार को यह कठोर वक्तव्य उस वक्त दिया, जब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने सात से दस दिनों में मणिपुर की स्थिति में सुधार आने संबंधी टिप्पणी की।
चिदंबरम ने सीएम सरमा के बयान पर व्यंग्य करते हुए निशाना साधा और कहा कि अच्छा होगा कि भाजपा नेता (सीएम हिमंत बिस्वा सरमा) मणिपुर के मामले में ‘‘दखल न दें’’ और उससे दूर रहें।
इसके साथ ही चिदंबरम ने राज्य के मौजूदा हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि अच्छा होगा कि हिंसा से जूझ रहे मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह भी फौरन अपने पद से इस्तीफा दे दें और कुछ महीनों के लिए मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बीते शनिवार को कहा था कि पड़ोसी राज्य मणिपुर में अगले सात से दस दिनों में स्थिति सुधर जाएगी क्योंकि राज्य एवं केंद्र सरकार शांति बहाली के लिए ‘चुपचाप’ काम कर रही हैं।
इसके साथ ही सीएम सरमा ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाना साधा और यह आरोप लगाया था कि मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस की नींद तब खुली है, जब पूर्वोत्तर के इस राज्य में पहले के अपेक्षाकृत शांति कायम हो गई है।
चिदंबरम ने सीएम सरमा के बयान पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया और कहा, ‘‘असम के मुख्यमंत्री ने वादा किया है कि मणिपुर में एक सप्ताह में शांति बहाल हो जाएगी। अच्छा होगा कि असम के मुख्यमंत्री मणिपुर के मामले में दखल न दें और उससे दूर रहें। यह भी अच्छा होगा कि बिरेन सिंह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दें और कुछ महीनों के लिए राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाए।’’
मालूम हो कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती और अल्पसंख्यक कुकी समुदाय के बीच बीते मई महीने की तीन तारीख से आरक्षण के विवाद को लेकर जातीय संघर्ष शुरू हुआ था, जिसमें अब तक 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।