"ममता बनर्जी ही हमारी नेता हैं", तृणमूल में 'युवा पीढ़ी बनाम नये नेता' के कयास पर बोले मंत्री फिरहाद हकीम
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 3, 2024 09:30 AM2024-01-03T09:30:58+5:302024-01-03T09:38:08+5:30
पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख रहेंगी और पार्टी नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने मंगलवार को स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख रहेंगी और पार्टी नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार मंत्री फिरहाद ने यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल के राजनीतिक हलकों में चल रही 'युवा पीढ़ी बनाम पुराने नेताओं' के बहस पर दी है।
दरअसल इस बहस की शुरूआत तृणमूल के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी से हुई, जिन्होंने खुले तौर पर उम्मीद जताई कि डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी आने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी की ओर से चुनावी मैदान में होंगे।
इस टिप्पणी पर अभिषेक बनर्जी के करीबी और तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी और मांग की कि सुब्रत बख्शी अपने शब्द वापस लें।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए फिरहाद हकीम ने जोर देते हुए कहा कि पार्टी के नए नेताओं को तृणमूल के संघर्ष का इतिहास भी देखना और सीखना चाहिए।
हकीम ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए बख्शी पर अपना रुख दोहराया और पार्टी नेताओं के बीच संघर्ष को कम करने के लिए पार्टी अध्यक्ष के प्रयासों को स्वीकार किया।
हकीम ने कहा, "सुब्रत बख्शी पार्टी अध्यक्ष हैं। ममता बनर्जी के नेतृत्व में सभी को एक साथ रखना उनका काम है। इसमें गलत क्या है? मुझे नहीं लगता कि नेतृत्व किसी के पास स्थानांतरित किया जा रहा है। ममता बनर्जी ही हमारी नेता हैं।"
इसके साथ ही हकीम ने लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी और कलह की धारणा को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, "संसदीय चुनाव से पहले पार्टी में कोई टकराव नहीं है। हमारी जैसी बड़ी पार्टी में ऐसे झगड़े होते रहते हैं। अगर हमारे अंदर कोई परेशानी होगी तो उसे हम आसानी से सुलझा लेंगे। उसके लिए कोई टकराव नहीं होगा।"
इसके साथ ही हकीम ने ट्रक ड्राइवरों को प्रभावित करने वाले नए कानून से निपटने के केंद्र के तरीके की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने विपक्ष के साथ बिना उचित परामर्श के बिना कानून पारित किया है और इस कानून में आम आदमी के हितों की अनदेखी की गई है।
उन्होंने कहा, "विपक्ष से सलाह किए बिना यह कानून पेश किया गया है। उन्हें विपक्ष से राय नहीं ली। यह कानून ऐसा है, जसमें ड्राइवरों को हत्यारे के रूप में देखा जा रहा है। इस देश का गरीब और मजदूर वर्ग मोदी विरोधी आवाज को आगे बढ़ा रहा है। ये हड़तालें ट्रक ड्राइवरों द्वारा की गई हैं।"