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'पीएम मोदी अपने दोस्त अडाणी पर मेहरबान हैं', मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा

By शिवेंद्र राय | Updated: February 10, 2023 16:27 IST

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी अपने दोस्त अडाणी पर मेहरबान हैं, इस कारण चर्चा नहीं चाहते। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमने तो सिर्फ जेपीसी की मांग की है लेकिन मोदी जी और पूरी सरकार संसद में अडाणी शब्द भी नहीं बोलने देती।

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ठळक मुद्देमल्लिकार्जुन खड़गे ने अडाणी समूह के मामले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधाकहा- पीएम मोदी ने संसद में नहीं दिया जवाबकहा- पीएम मोदी अपने दोस्त अडाणी पर मेहरबान हैं

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर बरसे। मल्लिकार्जुन खड़गे ने अडाणी समूह के मामले को लेकर केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी पर कई आरोप लगाए और कहा कि पीएम मोदी अपने दोस्त अडानी पर मेहरबान हैं। इस कारण चर्चा नहीं चाहते।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "एलआईसी का पैसा अडाणी की कंपनी में लगा है, उसके नुकसान पर क्या सवाल नहीं होना चाहिए? क्या एसबीआई के अडाणी को दिए गए कर्ज की चर्चा नहीं होनी चाहिए? अडाणी के शेयर एक लाख करोड़ क्यों गिर गए? क्या अडाणी घोटाले की जांच नहीं होनी चाहिए? क्या अडाणी की कंपनी में लगे LIC के पैसे पर सवाल नहीं पूछना चाहिए? क्या पूछना गलत है कि PM मोदी ने अडाणी के एजेंट के तौर पर विदेशों में ठेके दिलवाए?"

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमने तो सिर्फ जेपीसी की मांग की है। खड़गे ने कहा कि बैंकों द्वारा अडाणी को दिए गए ₹82,000 Cr लोन के बारे में सवाल पूछा जाना चाहिए लेकिन मोदी जी और पूरी सरकार संसद में अडाणी शब्द भी नहीं बोलने देती। खड़गे ने कहा कि उन्होंने संसद में  कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के चुप्पी साधने और 'मौनी बाबा' बनने के चलते ये स्थिति आई है। इसका इस्तेमाल पहले भी किया जा चुका है, लेकिन इसे भी रिकॉर्ड से निकाल दिया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कांग्रस पर निशाना साधते हुए कहा था 60 साल में इस पार्टी ने कुछ नहीं किया। इसका जवाब देते हुए खड़गे ने कहा,  "हमसे वो सवाल करते हैं कि 60 साल में क्या किया? लेकिन हमारे सवालों के जवाब नहीं देते।"

बता दें कि वित्तीय शोध करने वाली कंपनी हिंडनबर्ग ने 25 जनवरी 2023 को अडाणी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट के बाद मचे हंगामे के बाद संसद में विपक्ष ने भी अदाणी समूह पर जांच की भी मांग की। विपक्ष का कहना है कि अडाणी समूह को सरकार ने फायदा पहुंचाने के लिए बिना जांच के बैंको से लोन दिलाने में मदद की। विपक्ष का कहना है कि बैंको के पैसे और अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों की कंपनियों के अडाणी समूह में निवेश किए गए पैसों का अब डूबने का खतरा है। 

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