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महाराष्ट्र: लापरवाही का बड़ा मामला, 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स की जगह पिला दी सैनेटाइजर की दो बूंद!

By विनीत कुमार | Updated: February 2, 2021 11:33 IST

महाराष्ट्र के यवतमाल में 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स की जगह सैनेटाइजर की ड्रॉप्स पिला देने का मामला सामने आया है। बच्चों को इसके बाद आननफानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना सोमवार की है।

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ठळक मुद्देमहाराष्ट्र के यवतमाल में पोलियो की वैक्सीन की जगह सैनेटाइजर पिलाने का मामला आया सामने बच्चों को इसके बाद अस्पताल में आननफानन में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत ठीक हैइस लापरवाही को लेकर जांच शुरू कर दी गई है, डॉक्टर समेत आशा वर्कर पर हो सकती है कार्रवाई

महाराष्ट्र के यवतमाल में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। दरअसल, पांच साल से कम उम्र के 12 बच्चों को सोमवार को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। मिली जानकारी के अनुसार इन बच्चों को पोलियो की वैक्सीन की जगह सैनेटाइजर की ड्रॉप्स पिला दी गई थी। यवतमाल डिस्ट्रिक्ट काउंसिल चीफ एग्जक्यूटिव अफसर श्रीकृष्ण पंचाल ने ये जानकारी दी है।

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी ने बताया कि बच्चे अब ठीक हैं। इस मामले में लापरवाही के लिए एक हेल्थ वर्कर समेत डॉक्टर और आशा (ASHA) वर्कर को निलंबित किया जाएगा।

श्रीकृष्ण पंचाल ने कहा, 'यवतमाल में पांच साल से कम उम्र के 12 बच्चों को हैंड सैनेटाइजर के ड्रॉप्स पोलियो ड्रॉप्स की जगह दे दिए गए थे। सभी बच्चों को इसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया और अब वे ठीक हैं। इस मामले में लापरवाही को लेकर जांच शुरू कर दी गई है।'

बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाकर 2021 के लिए पल्स पोलियो कार्यक्रम का शुभारंभ किया था।

देश को पोलियोमुक्त बनाए रखने के भारत सरकार के अभियान के तहत आने वाले दिनों में पांच साल के कम उम्र के करीब 17 करोड़ बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाई जाएगी। 

इस देशव्यापी अभियान में करीब 24 लाख स्वंयसेवक, 1. 5 लाख सुपरवाइजर और कई नागरिक संगठन, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और रोटरी आदि सहयोग करेंगे। बताते चलें कि भारत में पोलियों का आखिरी मामला 13 जनवरी 2011 को मिला था। 

पिछले एक दशक से भारत पोलियो मुक्त है लेकिन अफगानिस्तान, पाकिस्तान आदि देशों से इसके आने का खतरा हमेशा बना रहता है। इसलिए पोलियो के कार्यक्रम चलाए जाते रहते हैं।

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