Maharashtra: 'क्या उद्धव सेना बालासाहेब की विचारधारा का पालन करेगी?': फडणवीस ने वक्फ बिल पर उद्धव ठाकरे से पूछा सवाल
By रुस्तम राणा | Updated: April 1, 2025 22:38 IST2025-04-01T22:38:47+5:302025-04-01T22:38:47+5:30
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना से सवाल किया है कि क्या पार्टी अपने संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की विरासत को बनाए रखेगी या कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष के साथ गठबंधन करेगी।

Maharashtra: 'क्या उद्धव सेना बालासाहेब की विचारधारा का पालन करेगी?': फडणवीस ने वक्फ बिल पर उद्धव ठाकरे से पूछा सवाल
मुंबई: केंद्र सरकार 2 अप्रैल को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही है, लेकिन राजनीतिक प्रतिक्रियाएं गरमा रही हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना पर निशाना साधा है। उन्होंने सवाल किया है कि क्या पार्टी अपने संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की विरासत को बनाए रखेगी या कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष के साथ गठबंधन करेगी।
मंगलवार, 1 अप्रैल को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर फडणवीस ने लिखा, "वक्फ संशोधन विधेयक कल संसद में है, अब देखते हैं कि उद्धव बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा का पालन करती है या राहुल गांधी के नक्शेकदम पर चलते हुए तुष्टीकरण करती रहेगी।"
वक्फ सुधारणा विधेयक उद्या संसदेत !
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) April 1, 2025
बघू या उद्धव बाळासाहेब ठाकरे सेना, हिंदूहृदयसम्राट, वंदनीय शिवसेनाप्रमुख बाळासाहेब ठाकरे यांचा विचार राखणार की राहुल गांधी यांच्या पावलावर पाऊल ठेवून तुष्टीकरण करीत राहणार?#WaqfAmendmentBill
कांग्रेस और कुछ अन्य क्षेत्रीय दलों सहित विपक्षी दलों ने वक्फ विधेयक पर कड़ा विरोध जताया है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित प्रावधानों में संशोधन करना है। महाराष्ट्र में पार्टी के प्रभाव और गठबंधन की गतिशीलता को देखते हुए, शिवसेना (यूबीटी) की स्थिति परिणाम निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
इस बीच, भाजपा ने अपने सभी सांसदों को कार्यवाही में शामिल होने के लिए व्हिप जारी किया है, जबकि कांग्रेस ने अपने सांसदों से अगले तीन दिनों तक सत्र में मौजूद रहने का अनुरोध किया है। केंद्रीय संसदीय एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने भी कहा कि विधेयक पर लोकसभा में आठ घंटे की चर्चा के लिए आम सहमति बन गई है, जिसे जरूरत पड़ने पर बढ़ाया भी जा सकता है।