अतुल कुलकर्णी
महा विकास आघाड़ी की नई नवेली सरकार में उपमुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी राकांपा-कांग्रेस में विवाद है. कांग्रेस को अब विधानसभा अध्यक्ष के बदले उपमुख्यमंत्री पद चाहिए, जबकि राकांपा कह रही है कि मांग में बार-बार बदलाव नहीं करें. आघाड़ी की कल की बैठक के बाद प्रफुल्ल पटेल ने घोषणा की थी कि राकांपा का एक ही उपमुख्यमंत्री होगा और विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस को मिलेगा.
दरअसल, कांग्रेस ने पृथ्वीराज चव्हाण का नाम विधानसभा अध्यक्ष के लिए भेजा था. लेकिन, राकांपा का कहना है कि कम से कम 3 नाम सुझाएं. उसमें से किसी एक का नाम इस पद के लिए तय होगा.
राकांपा विलासराव देशमुख की सरकार का हवाला दे रही है, जब उसने 3 नाम दिए थे और अरुण गुजराती का नाम तय हुआ था. लेकिन, कांग्रेस ने यह फार्मूला खारिज कर दिया.
राकांपा का यह भी कहना है कि संकट के समय में अध्यक्ष का पद महत्वपूर्ण है, इसलिए यह पद हमें सौंप दिया जाए. लेकिन, कांग्रेस को उपमुख्यमंत्री पद चाहिए, क्योंकि सरकारी विज्ञापनों में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री की फोटो भी होती है. अगर यह पद नहीं लिया, तो यह प्रचार होता रहेगा कि सिर्फ शिवसेना-राकांपा की सरकार है.
हालांकि, वह विधानसभा अध्यक्ष पद न मिलने के बदले एक कैबिनेट मंत्री पद चाहती है. और पृथ्वीराज चव्हाण के अध्यक्ष न बनने के ऐवज में नगर विकास, वित्त अथवा राजस्व में से कोई एक मंत्रालय मांग रही है. दो दिन के भीतर शरद पवार और अहमद पटेल इस पर फैसला करेंगे.