अरुंधति रॉय, कश्मीरी प्रोफेसर के खिलाफ दिल्ली के उपराज्यपाल ने दी मुकदमा चलाने की मंजूरी, जानें मामला

By भाषा | Published: June 14, 2024 07:26 PM2024-06-14T19:26:15+5:302024-06-14T19:27:47+5:30

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित 2010 के एक मामले में लेखिका अरुंधति रॉय और एक पूर्व कश्मीरी प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।

Delhi LG VK Saxena approves prosecution of Arundhati Roy under UAPA | अरुंधति रॉय, कश्मीरी प्रोफेसर के खिलाफ दिल्ली के उपराज्यपाल ने दी मुकदमा चलाने की मंजूरी, जानें मामला

अरुंधति रॉय, कश्मीरी प्रोफेसर के खिलाफ दिल्ली के उपराज्यपाल ने दी मुकदमा चलाने की मंजूरी, जानें मामला

Highlights रॉय और पूर्व प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, नयी दिल्ली की अदालत के आदेश के बाद दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि भाषण भड़काऊ प्रकृति के थे, जो शांति और सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने वाले थे। उन्हें तकनीकी आधार पर संसद हमले के मामले में उच्चतम न्यायालय ने बरी कर दिया था। 

नई दिल्लीदिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित 2010 के एक मामले में लेखिका अरुंधति रॉय और एक पूर्व कश्मीरी प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। राज निवास के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रॉय और पूर्व प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, नयी दिल्ली की अदालत के आदेश के बाद दर्ज की गई थी। 

राज निवास के एक अधिकारी ने बताया, "उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में हुए एक सार्वजनिक कार्यक्रम में रॉय और कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय कानून विभाग के पूर्व प्रोफेसर हुसैन के भाषणों के लिए उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 153बी (राष्ट्रीय-अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले आरोप, दावे) और 505 (शरारतपूर्ण बयान) के तहत मामला बनता है।" 

दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 196(1) के तहत, कुछ अपराधों जैसे नफरत फैलाने वाले भाषण, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, घृणा अपराध, राजद्रोह, राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने, दूसरों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने आदि मामलों में अभियोजन के लिए राज्य सरकार से वैध मंजूरी ली जाती है। दो अन्य आरोपियों कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और दिल्ली विश्वविद्यालय के लेक्चरर सैयद अब्दुल रहमान गिलानी की मामले की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी। उन्हें तकनीकी आधार पर संसद हमले के मामले में उच्चतम न्यायालय ने बरी कर दिया था। 

कश्मीर के एक सामाजिक कार्यकर्ता सुशील पंडित ने 21 अक्टूबर 2010 को "आज़ादी - द ओनली वे" विषय पर 'कमेटी फॉर रिलीज ऑफ पॉलिटिकल प्रिजनर्स' द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में "भड़काऊ भाषण" देने में शामिल विभिन्न लोगों और वक्ताओं के खिलाफ 28 अक्टूबर को तिलक मार्ग थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि जिस मुद्दे पर चर्चा और प्रचार किया गया वह "कश्मीर को भारत से अलग करना" था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि भाषण भड़काऊ प्रकृति के थे, जो शांति और सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने वाले थे। 

Web Title: Delhi LG VK Saxena approves prosecution of Arundhati Roy under UAPA

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