शरद पवार की सहमति से बनी थी रातोंरात सरकार, फड़नवीस ने किया दावा- अभिमन्यु की तरह मेरे खिलाफ रचा गया चक्रव्यूह ताकि मैं...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 16, 2023 09:32 AM2023-02-16T09:32:46+5:302023-02-16T09:37:28+5:30
उप मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा, “मैंने जो कुछ भी कहा था वह 100 प्रतिशत सच था, और इसमें कोई झूठ नहीं था। मैं आज निकाली जा रहीं अलग-अलग व्याख्याओं के बारे में नहीं बोलूंगा। मैं इस पर और बोलना चाहता हूं, और मैं उचित समय पर बोलूंगा और वह समय अभी आया नहीं है।”
पुणेः महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस अपने इस दावे पर कायम हैं कि नवंबर 2019 में उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार के साथ रातोंरात जो सरकार बनाई थी, उसे राकांपा प्रमुख शरद पवार की मंजूरी मिली हुई थी। फड़नवीस ने कहा कि उनका बयान 100 फीसद सच है और वह झूठ नहीं बोल रहे।
उप मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा, “मैंने जो कुछ भी कहा था वह 100 प्रतिशत सच था, और इसमें कोई झूठ नहीं था। मैं आज निकाली जा रहीं अलग-अलग व्याख्याओं के बारे में नहीं बोलूंगा। मैं इस पर और बोलना चाहता हूं, और मैं उचित समय पर बोलूंगा और वह समय अभी आया नहीं है।” फड़नवीस ने कहा कि अगर आप शांत दिमाग से मेरी बातों को सुनेंगे तो आप आसानी से कड़ियां जोड़ पाएंगे। आपको किसी भी दूसरे सबूत की जरूरत नहीं पड़ेगी। भाजपा नेता ने कहा कि फिलहाल मैंने आधी बातें ही बोली हैं बाकी बात समय आने पर जरूर बोलूंगा।
फड़नवीस ने दावा किया कि वह मुख्यमंत्री न बन सकें इसलिए उनके खिलाफ अभिमन्यू की तरह चक्रव्यूह रचा गया। बकौल फड़नवीस- बिल्कुल अभिमन्यू की तरह राजनीतिक रूप से मारने की साजिश रची गई। हमने भी अभिमन्यू से बहुत कुछ सीखा है। चक्रव्यूह को कैसे तोड़ा जाए, यह हमें पता था। हमने उस चक्रव्यूह को तोड़ा और एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर सरकार बनाई।
गौरतलब है कि तीन साल पहले अक्टूबर में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 105 सीट पर जीत हासिल की थी। भाजपा के साथ गठबंधन में रही शिवसेना ने 56 सीट पर जीत हासिल की थी। गठबंधन के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीट होने के बावजूद, दोनों सहयोगी दलों के बीच मुख्यमंत्री का पद किसे मिलेगा, इसको लेकर विवाद हो गया, जिसके परिणामस्वरूप शिवसेना ने कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिये बातचीत शुरू की। कोई नतीजा नहीं निकलने पर केंद्र ने 12 नवंबर को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा ने गठबंधन बनाने के लिए बातचीत जारी रखी और बाद में शरद पवार ने घोषणा की कि उद्धव ठाकरे को सर्वसम्मति से नयी सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है। इस तरह, 23 नवंबर की सुबह फड़नवीस और अजित पवार का शपथ ग्रहण समारोह महाराष्ट्र की सियायत में एक नाटकीय घटनाक्रम बनकर रह गया।
भाषा इनपुट के साथ