मुंबई: शिवसेना में चल रही बगावत के बीच अब सीएम उद्धव ठाकरे बागी विधायकों पर एक और कार्रवाई कर सकते हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि सीएम ठाकरे बागी विधायकों से मंत्री पद छीन सकते हैं। इससे पहले शनिवार को अयोग्यता को लेकर डिप्टी स्पीकर के द्वारा पार्टी के 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी कर 27 जून तक लिखित रूप में जवाब मांगा है।
सीएम ठाकरे अगर मंत्री पद छीनते हैं तो बागी नेताओं का नेतृत्व करने वाले एकनाथ शिंदे समेत गुलाबराव पाटिल, दादा भुस, शंबुराजे देसाई अपना विभाग गंवा सकते हैं। सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि बागी खेमे के विधायकों में दो फाड़ हो गए हैं। एकनाथ शिंदे कैंप के करीब 20 विधायक शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के संपर्क में हैं।
उधर, एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता के पद से हटाने के महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर के फैसले पर कानूनी राय लेने के बाद एकनाथ शिंदे खेमा अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है। शिंदे गुट का कहना है कि डिप्टी स्पीकर को नोटिस का जवाब देने के लिए बागी विधायकों को कम से कम 7 दिन का समय देना चाहिए था।
इस बीच यह भी खबर सामने आई है कि केंद्र के द्वारा बागी विधायकों को 'वाई+' श्रेणी की सुरक्षा दी गई है, इनमें 15 विधायक शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, विधायक रमेश बोर्नारे, मंगेश कुदलकर, संजय शिरसत, लताबाई सोनवणे, प्रकाश सुर्वे, सदानंद सरनावंकर, योगेश दादा कदम, प्रताप सरनाइक, यामिनी जाधव, प्रदीप जायसवाल, संजय राठौड़, दादाजी भूसे, दिलीप लांडे, बालाजी कल्याणर, संदीपन को Y+ सुरक्षा प्रदान की गई है।