महाराष्ट्र: शिवसेना के 'समर्थन पत्र' से चूकने पर अजीत पवार का बयान, 'एनसीपी सुबह से शाम तक करती रही कांग्रेस के फैसले का इंतजार'

By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 12, 2019 03:04 PM2019-11-12T15:04:28+5:302019-11-12T15:04:28+5:30

Ajit Pawar: एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा है कि उनकी पार्टी ने सुबह से शाम तक कांग्रेस के समर्थन पत्र का इंतजार किया था

Maharashtra: NCP Waited from morning to Evening For Congress Letter: Ajit Pawar on letter of support of Shiv Sena | महाराष्ट्र: शिवसेना के 'समर्थन पत्र' से चूकने पर अजीत पवार का बयान, 'एनसीपी सुबह से शाम तक करती रही कांग्रेस के फैसले का इंतजार'

एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस के समर्थन पत्र का इंतजार किया

Highlightsएनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा कि उनके लिए बिना कांग्रेस के समर्थन पत्र देना संभव नहीं थाअजीत पावर ने कहा कि शरद पवार ने सुबह से शाम तक कांग्रेस के फैसले का इंतजार किया

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी सियासी खींचतान के बीच अब एनसीपी और कांग्रेस इस बात को लेकर एकदूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रही हैं, किसकी वजह से सोमवार को शिवसेना समर्थन पत्र नहीं दे पाई। 

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा है कि उनके चाचा और पार्टी प्रमुख शरद पवारकांग्रेस के रवैये से खफा हैं। पवार का कहना है कि एनसीपी ने सोमवार सुबह 10 बजे से शाम 7.30 बजे तक कांग्रेस के समर्थन पत्र का इंतजार किया था।

कांग्रेस ने किया देरी के आरोपों से इनकार

उधर कांग्रेस ने खुद पर लग रहे देरी करने के आरोपों को खारिज किया है। कांग्रेस के नेता सुशील कुमार शिंदे ने मंगलवार को कहा, 'कांग्रेस के देरी करने का मुद्दा नहीं है, हम शुरू से ही सावधान रहे हैं। हमने उनसे (एनसीपी) पूछा था कि क्या उन्होंने (राज्यपाल को) खत भेजा है। चीजें एकसाथ की जाएगी, वे हमारे साझेदार हैं। जो भी फैसला लिया जाएगा, वह साथ में लिया जाएगा।' 

कांग्रेस ने शरद पवार को दिल्ली बुलाया था!

इससे पहले मंगलवार सुबह कांग्रेस ने अपने नेताओं को मुंबई जाने से रोक दिया और शरद पवार को दिल्ली आकर सोनिया गांधी से बात करने को कहा। लेकिन एनसीपी प्रमुख ने अपने विधायकों के साथ बैठक का हवाला देते हुए इससे मना कर दिया और फिर सोनिया से फोन पर बात की।

इससे पहले सरकार गठन पर चर्चा को लेकर अहमद पटेल ने भी पवार से भी बात की थी। हालांकि इसके बाद सोनिया ने अपनी पार्टी के तीन नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल और वेणुगोपाल को शरद पवार से मुलाकात के लिए मुंबई भेजा है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ मुलाकात से पहले शिवसेना के पास कांग्रेस का समर्थन पत्र नहीं था। एनसीपी शिवसेना को समर्थन देने के लिए तैयार थी, लेकिन कांग्रेस के कदम को देखते हुए उसने भी अपना समर्थन पत्र रोक लिया। 

इस रिपोर्ट के मुताबिक, 'अजीत पवार ने कहा, हमने (एनसीपी) कल उनके (कांग्रेस) पत्र का इंतजार किया। लेकिन हमें शाम तक पत्र नहीं मिला। हमारे लिए पत्र देना सही नहीं था। जो भी फैसला हो, उसमें स्थायित्व होना चाहिए।'

'एनसीपी ने सुबह से शाम तक किया था कांग्रेस के समर्थन पत्र का इंतजार'
 
अजीत पवार ने कहा, 'सोमवार को सुबह 10 बजे से शाम 7: 30 बजे तक हमारे शीर्ष नेताओं शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल उनके (कांग्रेस) पत्र का इंतजार कर रहे थे। उन्हें (शिवसेना) शाम 7.30 बजे तक पत्र सौंपना था। अगर कांग्रेस समर्थन पत्र नहीं भेज रही थी, तो हम अपना समर्थन कैसे दे सकते थे।' 

इसके बाद समर्थन पत्र के बिना ही शिवसेना ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें तीन दिन की मोहलत दिए जाने की सिफारिश की, लेकिन राज्यपाल ने इसे नामंजूर कर दिया।

माना जा रहा है कि कांग्रेस वैचारिक तौर पर जबर्दस्त बेमेल और राज्य के चुनावों में कई सीटों पर कट्टर प्रतिद्वंद्वियों की तरह लड़ने वाली पार्टी शिवसेना को समर्थन देने की इच्छुक नहीं है।

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