मुंबई: सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित और विपुल अमृतलाल शाह द्वारा निर्मित 'द केरल स्टोरी' ने देश भर में विवाद खड़ा कर दिया है। एक पक्ष जहां खुलकर फिल्म का समर्थन कर रहा है, लोगों से फिल्म को देखने की अपील कर रहा है तो वहीं दूसरा पक्ष इस फिल्म का जमकर विरोध भी कर रहा है। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता भी इस फिल्म का प्रचार कर रहे हैं। जबकि विपक्ष इस फिल्म को हेट स्पीच, एक वर्ग के प्रति घृणा फैलाने वाली फिल्म बता रही है।
फिल्म को लेकर चल रही बहस के बीच, महाराष्ट्र एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने 'द केरल स्टोरी' निर्माताओं के खिलाफ विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि निर्माता को फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। 'द केरल स्टोरी' सच्ची घटनाओं पर आधारित बताई जा रही है, जिसमें केरल की तीन महिलाओं को बहला-फुसलाकर इराक और सीरिया ले जाया गया और उन्हें आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल कराया गया।
मंगलवार को एनसीपी नेता ने मीडिया को संबोधित किया और निर्माताओं पर केरल की छवि खराब करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "उन्होंने (फिल्म निर्माता) न केवल केरल की छवि खराब की है बल्कि राज्य की महिलाओं का भी अपमान किया है।" वह सिर्फ यहीं नहीं रुके, बल्कि उन लोगों को भी खरी खोटी सुनाई, जिनके बारे में उन्होंने कहा कि वे फिल्म का इस्तेमाल नफरत फैलाने के लिए कर रहे हैं।
एनसीपी नेता ने कहा, "जिस निर्माता ने इस फिल्म को बनाया है उसे सड़क के बीच में फांसी पर लटका देना चाहिए और जो लोग इस फिल्म को प्रचार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, क्या उन्हें कोई शर्म नहीं है?"
बता दें कि 'द केरल स्टोरी' को कानून और व्यवस्था के मुद्दों का हवाला देते हुए पश्चिम बंगाल में प्रतिबंधित कर दिया गया है। तमिलनाडु में मल्टीप्लेक्स में स्क्रीनिंग रद्द कर दी गई है तो वहीं उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में इसे कर-मुक्त घोषित किया गया है।