महाराष्ट्र में जीका का पहला मामला सामने आने के बाद केंद्र ने भेजी उच्चस्तरीय टीम, वायरस की स्थिति पर रखेगी नजर
By अभिषेक पारीक | Published: August 2, 2021 06:12 PM2021-08-02T18:12:09+5:302021-08-02T18:24:27+5:30
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र के लिए एक उच्चस्तरीय टीम को भेजा है। यह टीम जीका वायरस की स्थिति पर नजर रखेगी। यह निर्णय महाराष्ट्र के पुणे जिले में जीका वायरस के संक्रमण का पहला मामला सामने आने के बाद लिया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र के लिए एक उच्चस्तरीय टीम को भेजा है। यह टीम जीका वायरस की स्थिति पर नजर रखेगी। यह निर्णय महाराष्ट्र के पुणे जिले में जीका वायरस के संक्रमण का पहला मामला सामने आने के बाद लिया गया है। यह टीम वायरस के प्रसार को जांचने में राज्य सरकार की मदद करेगी।
तीन सदस्यीय केंद्रीय टीम में क्षेत्रीय निदेशक पुणे के कार्यालय से एक सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल हैं। साथ ही दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की एक स्त्री रोग विशेषज्ञ और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च नई दिल्ली के एक कीट विज्ञानी शामिल हैं।
गृह मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, यह टीम राज्य के स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करेगी और जमीनी हालात का जायजा लेगी। साथ ही आकलन करेगी कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जीका प्रबंधन के लिए जारी कार्य योजना को लागू किया जा रहा है या नहीं।
पुणे की पुरंदर तहसील के बेलसर गांव की 50 वर्षीय महिला जीका वायरस से संक्रमित पाई गई थी। डॉक्टरों के अनुसार, मरीज में हल्का संक्रमण है और परिवार के किसी अन्य सदस्य में वायरस के लक्षण विकसित नहीं हुए हैं।
महाराष्ट्र के एक अधिकारी प्रदीप आवटे के मुताबिक, जुलाई के पहले सप्ताह से ही बेलसर गांव में बुखार के कई मामले सामने आ रहे थे। हमने परीक्षण के लिए सैंपल भेजे थे, उनमें से 21 लोगों को चिकनगुनिया और तीन को डेंगु था। वहीं एक को जीका और चिकनगुनिया दोनों के लिए पॉजिटिव बताया गया था।