महाराष्ट्र चुनाव: देश के सबसे बुजुर्ग विधायक, 11 बार जीतने के बाद लिया संन्यास

By बलवंत तक्षक | Updated: October 10, 2019 05:35 IST2019-10-10T05:35:27+5:302019-10-10T05:35:27+5:30

छात्र जीवन से ही वामपंथी विचारधारा से प्रभावित और प्रतिष्ठित देशमुख 1962 में विधायक बने थे, जब आज के दौर के कई नेता या तो पैदा ही नहीं हुए थे या राजनीति में नहीं थे.

Maharashtra elections: country's oldest MLA, retired after winning 11 times | महाराष्ट्र चुनाव: देश के सबसे बुजुर्ग विधायक, 11 बार जीतने के बाद लिया संन्यास

महाराष्ट्र चुनाव: देश के सबसे बुजुर्ग विधायक, 11 बार जीतने के बाद लिया संन्यास

महाराष्ट्र की राजनीति के सबसे बुजुर्ग नेता, पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के गणपतराव देशमुख ने आखिरकार 93 साल की उम्र में चुनावी राजनीति से संन्यास ले लिया है. ग्यारह बार विधायक और पूर्व मंत्री अभी भी स्वस्थ हैं, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र और चुनाव प्रचार की परेशानियों से खुद को दूर रखा है. उन्होंने पिछले साल अपनी योजनाओं की घोषणा की थी, लेकिन हाल ही में पीडब्ल्यूपी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि पार्टी की इच्छा है कि उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए.

पश्चिमी महाराष्ट्र के सोलापुर जिले की सांगोल सीट पर विधायक रहे देशमुख का नाम सबसे लंबे समय तक विधायक रहने के रिकॉर्ड में द्रमुक के दिवंगत अध्यक्ष एम. करु णानिधि के बाद दूसरे स्थान पर है. जहां देशमुख 56 सालों तक विधायक रहे, वहीं करु णानिधि तमिलनाडु विधानसभा में 13 बार चुनकर 61 वर्ष तक विधायक रहे थे.
पहली बार 1962 में बने थे विधायक

छात्र जीवन से ही वामपंथी विचारधारा से प्रभावित और प्रतिष्ठित देशमुख 1962 में विधायक बने थे, जब आज के दौर के कई नेता या तो पैदा ही नहीं हुए थे या राजनीति में नहीं थे. इसके बाद से, 1972 और 1995 को छोड़कर उन्होंने सभी चुनाव जीते. इस दौरान वे 1978 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार की अगुआई वाली सरकार और उसके बाद 1999 में दिवंगत मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख की अगुआई वाली सरकार में मंत्री रहे.

पोते अनिकेत देशमुख को बनाया गया है उम्मीदवार

पार्टी और प्रदेश की राजनीति में देशमुख की प्रतिष्ठा को जानते हुए भी पीडब्ल्यूपी ने उनके चुनाव न लड़ने के फैसले को स्वीकार करते हुए उद्योगपति भाऊसाहब रूपनार को चुनाव लड़ाने का फैसला किया. हालांकि इस फैसले से उपजे भारी असंतोष को देखते हुए पीडब्ल्यूपी ने अपना फैसला बदलते हुए देशमुख के पोते अनिकेत देशमुख को उम्मीदवार बनाया है. अनिकेत एक डॉक्टर हैं. अंतिम समय में उम्मीदवारी खत्म किए जाने से नाराज रूपनार शिवसेना में शामिल हो गए और अब वे पूर्व विधायक और गणपतराव के पुराने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी शिवसेना उम्मीदवार शाहजीबापू पाटिल के साथ काम कर सकते हैं.
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Web Title: Maharashtra elections: country's oldest MLA, retired after winning 11 times

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