Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में RSS के प्लान से सत्ता में आएगी बीजेपी! हिंदू वोट जुटाने के लिए संघ ने शुरू किया अभियान
By अंजली चौहान | Published: November 9, 2024 07:21 AM2024-11-09T07:21:32+5:302024-11-09T07:22:49+5:30
Maharashtra Election 2024: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने हिंदू वोटों को एकजुट करने के लिए महाराष्ट्र में 'सजग रहो' नाम से एक अभियान शुरू किया है.
Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए संघ ने बड़ा जनसंपर्क अभियान शुरू किया है। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के कार्यकर्ता इस काम में तेजी से जुट गई है और एक बार फिर महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने की कोशिशे कर रहे हैं। राज्य में भाजपा और महायुति के पक्ष में हिंदू वोटों को केंद्र में रख कर लोगों से संपर्क साधने का असरदार प्लान बनाया गया है।
गौरतलब है कि संघ ने 65 से अधिक मित्र संगठनों के माध्यम से महाराष्ट्र में 'सजग रहो' ('सतर्क रहो, जागते रहो') नामक एक अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य न केवल विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रयासों को बढ़ावा देना है, बल्कि इसे "हिंदुओं को विभाजित रखने और उन्हें और अधिक विभाजित करने के एक बड़े प्रयास" के खिलाफ एक धक्का देना है, जिसके नतीजे राजनीति से परे होंगे।
'सजग रहो' लोकसभा चुनावों और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हाल ही में हुए हमलों के बाद हिंदुत्ववादी ताकतों द्वारा तीन पंक्तियों वाले राष्ट्रीय नारे में सबसे नया जुड़ गया है। हालांकि संघ सूत्रों ने कहा कि 'सजग रहो' और 'एक है हो सुरक्षित है' का उद्देश्य किसी के खिलाफ नहीं है, बल्कि हिंदुओं के बीच जातिगत विभाजन को खत्म करना है।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 8 नवंबर को महाराष्ट्र में रैली के दौरान 'एक है तो सुरक्षित है' की बात कही है और विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा है।
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि संदेश देने के लिए आरएसएस के स्वयंसेवकों और 65 से अधिक गैर सरकारी संगठनों द्वारा "सैकड़ों बैठकें" आयोजित की जा रही हैं। हालांकि महाराष्ट्र चुनाव तत्काल उद्देश्य हैं, लेकिन परिवार के सूत्रों के अनुसार, यह अभियान एक बड़ी घटना के प्रति वैचारिक और बौद्धिक प्रतिक्रिया की हलचल का प्रतिनिधित्व करता है, जहां हिंदू जाति के आधार पर बंट जाते हैं जबकि मुस्लिम मतभेदों को भुलाकर एक ठोस मतदाता समूह में एकजुट हो जाते हैं, जिसका उद्देश्य भाजपा को हराने का है।
अभियान में शामिल समूहों में चाणक्य प्रतिष्ठान, मातंग साहित्य परिषद और रणरागिनी सेवाभावी संस्था शामिल हैं। महाराष्ट्र भर में संघ के सभी चार 'प्रांत' या क्षेत्रीय विभाग - कोंकण (मुंबई और गोवा सहित), देवगिरि (मराठवाड़ा), पश्चिम (पश्चिमी) महाराष्ट्र (जिसमें नासिक और उत्तरी महाराष्ट्र के कुछ हिस्से शामिल हैं), और विदर्भ (जहां आरएसएस का मुख्यालय है) - अभियान में शामिल हैं, शाखा स्तर पर बैठकें आयोजित कर रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, अभियान का एक मुख्य आकर्षण धुले लोकसभा और मुंबई उत्तर पूर्व लोकसभा सीट के नतीजों का उदाहरण देना है। यह संघ द्वारा 'मालेगांव मॉडल' कहे जाने वाले मॉडल का संदर्भ देता है, जिसके अनुसार, संघ के अनुसार, इससे 'विभाजित' हिंदू समुदाय को चोट पहुंची है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आरएसएस आधिकारिक तौर पर एक संगठन के रूप में अभियान को स्वीकार नहीं कर रहा है, लेकिन इसे केवल "स्वयंसेवकों द्वारा एक पहल" कह रहा है।
There are huge differences within the Mahayuti alliance in Maharashtra.
— Pritesh Shah (@priteshshah_) November 8, 2024
Pm Modi's most trusted ally, NCP President and Depty CM Ajit Pawar, strongly opposed the "Batenge to Katenge" call made by Yogi Adityanath during the Maharashtra Assembly campaign on Friday. Pawar stated… pic.twitter.com/hDUZEdRK2C
ऐसे में महाराष्ट्र चुनाव का मोर्चा संघ ने संभाल लिया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव न केवल बीजेपी बल्कि संघ के लिए भी बेहद अहम है। क्योंकि महाराष्ट्र के नागपुर में संघ का मुख्यालय है। संघ पूरे राज्य में लगभग पचास हजार स्थानों पर छोटी-बड़ी बैठक करेगा लोगों से जुड़ेगा। इन बैठकों में सैकड़ों लोग शामिल होंगे।