महाराष्ट्र संकट: सुप्रीम कोर्ट में किसने क्या कहा, एक बार में पढ़ें वकीलों की दलीलें और पीठ का आदेश

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 24, 2019 14:51 IST2019-11-24T14:47:29+5:302019-11-24T14:51:16+5:30

केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के पास सरकार बनाने का मौलिक अधिकार नहीं है और उनकी याचिका को मंजूरी नहीं दी जा सकती है।

Maharashtra crisis: Arguments of Congress, BJP, NCP, Shiv Sena during Hearing in Supreme Court | महाराष्ट्र संकट: सुप्रीम कोर्ट में किसने क्या कहा, एक बार में पढ़ें वकीलों की दलीलें और पीठ का आदेश

सुप्रीम कोर्ट की इमारत। (फाइल फोटो)

Highlightsउच्चतम न्यायालय ने शक्ति परीक्षण कराने की शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए।पीठ ने आदेश पारित करने के लिए सॉलिसिटर जनरल से सोमवार सुबह साढ़े दस बजे राज्यपाल के पत्र पेश करने को कहा।

महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट से जुड़े विवाद मामले में रविवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना ने साझा तौर पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा देवेंद्र फड़नवीस को नयी सरकार बनाने का आमंत्रण दिए जाने के खिलाफ शनिवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। 

सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई रविवार साढ़े 11 बजे शुरू हुई। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल शिवसेना की तरफ से पेश हुए और उन्होंने रविवार के दिन न्यायाधीशों को हुई परेशानी के लिए माफी मांगने के साथ बहस शुरू की। 

कपिल सिब्बल ने दलील दी, ''चुनाव पूर्व गठबंधन टूट गया, तीनों दलों की चुनाव के बाद गठबंधन की कोशिशें चल रही है।''

सिब्बल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बिना राष्ट्रपति शासन हटाए जाने को अजीब बताया। 

सिब्बल ने कहा, ''देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार ने अजीब तरीके से शपथ ली, राज्यपाल दिल्ली से मिल रहे सीधे निर्देशों पर काम कर रहे थे। राष्ट्रपति शासन को रद्द करने की सिफारिश करने वाले राज्यपाल के फैसले से पक्षपात की ‘‘बू आती’’ है। यदि फडणवीस के पास संख्या बल है, तो उन्हें सदन के पटल पर यह साबित करने दें, अन्यथा महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए हमारे पास संख्या बल है।''

वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी कुछ भाजपा और निर्दलीय विधायकों की ओर से न्यायालय में पेश हुए। उन्होंने कहा कि यह याचिका बंबई उच्च न्यायालय में दायर होनी चाहिए।

केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के पास सरकार बनाने का मौलिक अधिकार नहीं है और उनकी याचिका को मंजूरी नहीं दी जा सकती है। 

महाराष्ट्र मामला : उच्चतम न्यायालय ने कहा कि इसमें दोराय नहीं है कि शक्ति परीक्षण बहुमत साबित करने का सबसे अच्छा तरीका है।

उच्चतम न्यायालय ने शक्ति परीक्षण कराने की शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए।

उच्चतम न्यायालय ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के निर्णय को चुनौती देने वाली शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की याचिका पर रविवार को केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किए। 

न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने फडणवीस और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले अजित पवार को भी नोटिस जारी किए।

पीठ ने आदेश पारित करने के लिए सॉलिसिटर जनरल से सोमवार सुबह साढ़े दस बजे राज्यपाल के पत्र पेश करने को कहा।

कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी उच्चतम न्यायालय में मौजूद रहे।

Web Title: Maharashtra crisis: Arguments of Congress, BJP, NCP, Shiv Sena during Hearing in Supreme Court

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