महाराष्ट्र : अदालत ने छात्र को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपों से शिक्षक को बरी किया
By भाषा | Published: January 19, 2021 01:45 PM2021-01-19T13:45:53+5:302021-01-19T13:45:53+5:30
पालघर (महाराष्ट्र), 19 जनवरी महाराष्ट्र में पालघर की एक अदालत ने 2014 में एक छात्र को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपों से 35 वर्षीय शिक्षक को बरी कर दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस एस गुलहाने ने 15 जनवरी को अपने आदेश में कहा कि छात्र से सवाल पूछना खुदकुशी के लिए उकसाना नहीं है। आदेश की प्रति सोमवार को उपलब्ध करायी गयी।
न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन भारतीय दंड संहिता की धारा 305 (18 साल से कम उम्र के लोगों को खुदकुशी के लिए उकसाने का प्रयास) के तहत पालघर में तलासेरी तालुका में एक स्कूल के गणित शिक्षक के खिलाफ आरोपों को साबित नहीं कर पाया।
अभियोजन के मुताबिक स्कूल में 10 वीं में पढ़ने वाले छात्र ने तलासेरी में अपने घर में कथित तौर पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी।
छात्र के कुछ साथियों ने बाद में उसके पिता को बताया था कि आरोपी शिक्षक ने गणित की परीक्षा में मिले अंक को लेकर छात्र से जानकारी की थी, जिस पर उसने कहा था कि उसे अधिक अंक मिलने चाहिए थे, लेकिन अंक कम मिले हैं।
इसके बाद शिक्षक ने छात्र से पूछा कि क्या उसके पिता ने उससे झूठ बोलने के लिए कहा था। शिक्षक ने छात्र को अपने पिता को स्कूल बुलाने को कहा लेकिन उसने मना कर दिया। इसके बाद शिक्षक ने छात्र को प्रधानाचार्य के पास जाने को कहा था।
अभियोजन की दलीलों के मुताबिक शिक्षक के सवालों से छात्र ने अपमानित महसूस किया और उसने खुदकुशी कर ली।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी शिक्षक द्वारा छात्र से पिता को बुलाने के लिए कहना और उन्हें स्कूल बुलाना, आत्महत्या के लिए उकसाने की तरह नहीं है।
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