'हिम्मत है तो मेरी सरकार गिराओ', महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे की विपक्ष को चुनौती
By स्वाति सिंह | Published: July 26, 2020 04:10 PM2020-07-26T16:10:29+5:302020-07-26T16:10:29+5:30
महाराष्ट्र की कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के गठबंधन वाली सरकार में कांग्रेसी विधायकों के अंसतोष की खबरें सामने आईं थी। इसके बाद फिर महाविकास अघाड़ी के अस्थिर भविष्य को लेकर चर्चा जोर पकड़ने लगी।
मुंबई: मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिरने और राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ने खुली चुनौती दी है कि जिस किसी को भी महाराष्ट्र की सरकार गिरानी है, गिराकर दिखाए मैं अभी देखता हूं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि कुछ लोग कहते हैं कि अगस्त-सितंबर में गिराएंगे। मैं कहता हूं कि अभी गिराओ। मैं फेविकॉल लगाकर नहीं बैठा हूं।
उन्होंने कहा कि इंतजार किसका है? अब सरकार गिराओ, सरकार तीन पहियों वाली है, लेकिन वह गरीबों का वाहन है। पर स्टेरिंग मेरे ही हाथ में है। बुलेट ट्रेन या रिक्शा में चुनाव करना पड़ा तो मैं रिक्शा ही चुनूंगा।
बता दें कि महाराष्ट्र की कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के गठबंधन वाली सरकार में कांग्रेसी विधायकों के अंसतोष की खबरें सामने आईं थी। इसके बाद फिर महाविकास अघाड़ी के अस्थिर भविष्य को लेकर चर्चा जोर पकड़ने लगी। इसी बीच उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा, 'आपको (बीजेपी को) गिराने-पटकने में आनंद मिलता है न। कुछ लोगों को बनाने में आनंद मिलता है। कुछ लोगों को बिगाड़ने में आनंद मिलता है। बिगाड़ने में होगा तो बिगाड़ो। मुझे परवाह नहीं है। गिराओ सरकार।' ठाकरे से जब पूछा गया कि क्या वह चुनौती दे रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि चुनौती नहीं बल्कि यह उनका स्वाभाव है।
वहीं तीन पहिया वाली सरकार के आरोप पर महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि सरकार तीन पहियों वाली है, लेकिन वह गरीबों का वाहन है। मैंने इतना ही कहा कि मैं मुख्यमंत्री होने के नाते सर्वांगीण विकास करूंगा। लोग मेरे साथ हैं इसलिए मैं बुलेट ट्रेन ले आऊं, ऐसा नहीं है, जब तक कि वो सर्वमत से ना हो। इसलिए तीन पहिया तो तीन पहिया। वह एक दिशा में चलती है ना। फिर आपका पेट क्यों दुखता है? सीएम उद्धव ने सवाल पूछते हुए कहा कि केंद्र में कितने पहिये हैं? हमारी तो ये तीन पार्टियों की सरकार है। केंद्र में कितने दलों की सरकार है, बताओ ना? पिछली बार जब मैं एनडीए की मीटिंग में गया था, तब तो 30-35 पहिए थे। मतलब रेलगाड़ी थी।