जेएनयू हिंसा पर सीएम ठाकरे बोले, हमले ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले की याद दिला दी, नकाबपोश हमलावर कायर हैं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 6, 2020 14:58 IST2020-01-06T14:01:52+5:302020-01-06T14:58:15+5:30
जेएनयू के मेन गेट पर भारी संख्या में लोग मौजूद हैं। पुलिस ने ऐहतियातन वॉटर कैनन मंगाए है। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा को लेकर सोमवार को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मोदी सरकार पह हमला बोला।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश में छात्र असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सीएम ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में छात्र सुरक्षित हैं, उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोई कोशिश बर्दाश्त नहीं होगी।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि जेएनयू के छात्रों पर हमले ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले की याद दिला दी। जेएनयू में हमला करने वाले नकाबपोश हमलावर कायर हैं, उनकी पहचान का खुलासा होना चाहिए। देशभर में छात्रों में भय का माहौल है, हमें उनमें आत्मविश्वास पैदा करना चाहिए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जेएनयू हमले की तुलना 26/11 मुंबई आतंकी हमले से करते हुये कहा कि देश में छात्र असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में छात्र सुरक्षित हैं, उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोई कोशिश बर्दाश्त नहीं होगी।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘रविवार की रात में जेएनयू के छात्रों पर हुये हमले ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले की याद दिला दी। मैं महाराष्ट्र में यहां जेएनयू जैसा कुछ भी नहीं होने दूंगा... छात्र देश में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।’’
जेएनयू में नकाबपोश हमलावरों को ‘‘कायर’’ करार देते हुए, ठाकरे ने कहा कि उनकी पहचान उजागर की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर दिल्ली पुलिस हमले के अपराधियों का पता लगाने में विफल रहती है, तो उन्हें भी कठघरे में खड़ा किया जाना चाहिए।’’
गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार की रात उस वक्त हिंसा भड़क गयी थी जब लाठियों और लोहे की छड़ों से लैस कुछ नकाबपोशों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जिसके बाद प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी थी।
Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray on JNU violence: I was reminded of the 26/11 Mumbai terror attack. Investigation is needed to find out who were these masked attackers (file pic) pic.twitter.com/BQqysOW11d
— ANI (@ANI) January 6, 2020
जेएनयू के मेन गेट पर भारी संख्या में लोग मौजूद हैं। पुलिस ने ऐहतियातन वॉटर कैनन मंगाए है। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा को लेकर सोमवार को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। इस नोटिस में मालीवाल ने दिल्ली पुलिस से इस मामले के सिलसिले में दर्ज की गयी प्राथिमिकी का ब्योरा मांगा है और हिंसा पर तत्काल कदम नहीं उठाने के कारण स्पष्ट करने को कहा है।
देश और विदेश के तमाम विश्वविद्यालयों में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय हिंसा के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन किया गया। पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय, बेंगलुरु विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों ने प्रदर्शन किए।
पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय की छात्रा रायजा ने कहा, ‘‘ आज वह हैं कल हम हो सकते हैं। हिंसा किसी भी रूप में निंदनीय है। हम जेएनयू में अपने दोस्तों के साथ खड़े हैं।’’ पंजाब विश्वविद्यालय में छात्रों ने एक संगोष्ठी के दौरान नारेबाजी की। पंजाब विश्वविद्यालय परिसर में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानी चंद गुप्ता एक संगोष्ठी के दौरान लोगों को संबोधित कर रहे थे और तभी छात्रों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों में छात्राएं भी शामिल थी, जिन्हें सुरक्षा कर्मियों ने सेमिनार हॉल से बाहर निकाला।
प्रदर्शनकारियों में से एक कनुप्रिया ने मीडिया से बात चीत में कहा कि वह जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष पर हुए हमले की कड़ी निंदा करती हैं। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानी चंद गुप्ता ने पत्रकारों से बात करते हुए प्रदर्शन को पूर्वनियोजित कृत्य करार दिया। ऑक्सफोर्ड और कोलंबिया विश्वविद्यालय में भी छात्रों ने एकजुटता दिखाते हुए मार्च किया और परिसर में छात्रों की सुरक्षा की मांग की।
गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार रात उस वक्त हिंसा भड़क गयी थी जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा था।
इस हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित कई घायलों को नयी दिल्ली के एम्स के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। हालांकि सभी 34 छात्रों को सोमवार सुबह अस्पताल से छुट्टी दे दरी गई। वाम नियंत्रित जेएनयूएसयू और आरएसएस से संबद्ध एबीवीपी इस हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।