Maharashtra cabinet expansion: राज्यसभा सीट नहीं, मुझे मंत्री बनाओ?, एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा- येवला विधानसभा के साथ विश्वासघात
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 17, 2024 12:20 IST2024-12-17T12:19:12+5:302024-12-17T12:20:22+5:30
Maharashtra cabinet expansion: देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में रविवार को महायुति के सहयोगी दलों भाजपा (भारतीय जनता पार्टी), शिवसेना और राकांपा के कुल 39 विधायकों ने शपथ ली।

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Maharashtra cabinet expansion: महाराष्ट्र में नयी महायुति सरकार में शामिल नहीं किए जाने से निराश राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने दावा किया है कि आठ दिन पहले उन्हें राज्यसभा की सदस्यता की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया। नासिक जिले के येवला से विधायक भुजबल ने सोमवार को नागपुर में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने राज्यसभा सीट के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया क्योंकि यह उनके विधानसभा क्षेत्र के साथ विश्वासघात होगा, जहां से उन्होंने पिछले महीने राज्य के चुनाव में जीत हासिल की थी।
राज्य के पूर्व मंत्री ने कहा, ‘‘जब मैं इस वर्ष की शुरुआत में राज्यसभा में जाना चाहता था, तो मुझसे कहा गया कि मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए। मुझे आठ दिन पहले राज्यसभा की सदस्यता की पेशकश की गई थी, जिसे मैंने अस्वीकार कर दिया। मैंने कहा कि मैं एक या दो साल बाद राज्यसभा के विकल्प पर विचार कर सकता हूं, लेकिन तुरंत नहीं।’’
भुजबल ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने के बाद उन्होंने राकांपा प्रमुख और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से बात नहीं की है। प्रमुख ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) नेता भुजबल ने दावा किया कि उन्हें मंत्रिमंडल से इसलिए बाहर रखा गया क्योंकि उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे का विरोध किया था, जो नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जब मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने की मांग कर रहे थे तो मैंने अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के पक्ष में आवाज उठाई थी। लाडकी बहिन योजना और ओबीसी ने महायुति को चुनाव जीतने में मदद की।’’ सोमवार को नागपुर में विधानसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद नासिक के लिए रवाना हुए भुजबल से जब उनके भविष्य के कदम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘देखते हैं। जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना।’’
पिछली महायुति सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रहे भुजबल ने कहा कि नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने से वह निराश हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक साधारण राजनीतिक कार्यकर्ता हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुझे दरकिनार किया जाता है या पुरस्कृत किया जाता है।’’ राकांपा नेता ने कहा, ‘‘मंत्रिपद आते-जाते रहते हैं, लेकिन मुझे मिटाया नहीं किया जा सकता।’’
देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में रविवार को महायुति के सहयोगी दलों - भाजपा (भारतीय जनता पार्टी), शिवसेना और राकांपा के कुल 39 विधायकों ने शपथ ली। मंत्रिमंडल से 10 पूर्व मंत्रियों को हटा दिया गया और 16 नए चेहरे शामिल किए गए। पूर्व मंत्री राकांपा के भुजबल और दिलीप वाल्से पाटिल तथा भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार एवं विजयकुमार गावित कुछ प्रमुख नेता हैं, जो मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए गए।