पाकिस्तान को कथित रूप से ‘‘तकनीकी सूचना’’ लीक करने का आरोपी नागपुर के पास स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इकाई में कार्यरत इंजीनियर को मंगलवार (9 अक्टूबर) को सेशन कोर्ट में पेश किया गया। उसे सोमवार (8 अक्टूबर) को नागपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इंजीनियर का नाम निशांत अग्रवाल है।
उस पर कथित तौर पर फेसबुक पर पाकिस्तानी महिलाओं के साथ भारत की कई गुप्त तरह की बातें करने का आरोपी बताया गया है। जानकारी के अनुसार वह फेसबुक के जरिए कई पाकिस्तानियों से जुड़ा था और भारत की तकनीकी सूचना लीक करता था।
आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के एटीएस के एक संयुक्त अभियान में ब्रह्मोस के वर्धा रोड केंद्र से निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया।
उत्तर प्रदेश का रहने वाला है निशांत मिल चुके हैं अवॉर्ड
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एटीएस सूत्रों ने बताया कि निशांत के नागपुर स्थित घर से एक कंप्यूटर जब्त किया गया जिसमें गोपनीय दस्तावेज पाए गए। उन्होंने कहा कि इस तरह के दस्तावेज किसी के निजी कंप्यूटर में नहीं होने चाहिए।
निशांत को ब्रह्मोस के 20 साल पूरे होने के अवसर पर निशांत को यंग साइंटिस्ट अवार्ड से नवाजा गया है। बताया जाता है कि वह काफी तेज-तर्रार इंजीनियर हैं। फेसबुक पर वह काफी सक्रिय हैं।
सूत्रों ने बताया कि निशांत के गृह नगर रुड़की स्थित उसके घर से भी उसका एक पुराना कंप्यूटर जब्त किया गया है और उसमें मिली चीजों की जांच की जा रही है।
उन्होंने बताया कि फेसबुक पर पाकिस्तान से महिलाओं की छद्म आईडी बनाने और भारत में संवेदनशील स्थानों पर काम कर रहे लोगों को फंसाने की कार्यप्रणाली सामने आने के बाद से यूपी एटीएस इस पर निगाह रख रही थी।
पूर्व में गिरफ्तार सीमा सुरक्षा बल के एक आरक्षी से संबंधित जांच में दो और फेसबुक आईडी का पता चला था, जो महिलाओं के छद्म नाम से बनाई गई थीं और पाकिस्तान से उनका संचालन किया जा रहा था। निशांत के उन आईडी से चैट किए जाने के सुबूत मिले थे।
निशांत को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जाएगा
सूत्रों ने बताया कि निशांत को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जाएगा। निशांत के मकान मालिक मनोहर काले ने बताया कि वह वर्धा रोड स्थित उनके घर में पिछले साल से किराये पर रह रहा था।
काले ने बताया कि पुलिस टीम सुबह साढ़े पांच बजे इमारत में पहुंची और शाम पांच बजे तक वहां रही। उन्होंने बताया कि अग्रवाल रुड़की का रहने वाला था और दो महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘वह यहां पत्नी के साथ रह रहा था और उसने यहां आने पर मुझे अपने आधार कार्ड की प्रति और अपने नियोक्ता का एक प्रमाणपत्र दिया था।’’
क्यों बना था ब्रह्मोस एयरोस्पेस
ब्रह्मोस एयरोस्पेस का गठन भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के 'मिलिट्री इन्डस्ट्रीयल कंसोर्टियम' (एनपीओ मशिनोस्त्रोयेनिया) के बीच संयुक्त उद्यम के रूप में किया गया है।
भारत और रूस के बीच 12 फरवरी, 1998 को हुए एक अंतर-सरकारी समझौते के माध्यम से यह कंपनी स्थापित की गई थी।(भाषा के इनपुट के साथ)