नई दिल्ली, 9 अगस्त: सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर मराठा संगठनों द्वारा गुरुवार को बुलाए गए महाराष्ट्र बंद के मद्देनजर व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण और मराठा आंदोलन के दो साल पूरे होने पर मराठा समुदाय ने महाराष्ट्र बंद बुलाया है। हालांकि अभी इसका कोई खासा प्रभाव देखने को नहीं मिला है। मराठा संगठनों के विरोध प्रदर्शन के चलते पिछले महीने राज्य के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर हिंसा और आगजनी नजर आई थी। एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने कल के बंद के मद्देनजर संवेदनशील स्थानों पर त्वरित कार्यबल की छह कंपनियां और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल, राज्य रिजर्व पुलिस बल की एक-एक कंपनी तैनात की है।
अधिकारियों ने हिंसा की आशंका को देखते हुए कुछ इलाकों में स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने आश्वासन दिया था कि सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मराठा लोगों को आरक्षण मुहैया कराने के लिए उनकी सरकार काम कर रही है जो कानूनन ठीक हो। उनके आश्वासन के बावजूद बंद का आयोजन किया जा रहा है।
LIVE UPDATE:
- पुणे के हिंजेवाड़ी में बंद का असर साफ देखने को मिल रहा है। यहां सिर्फ मेडिकल दुकानें, क्लिनिक और अस्पताल ही खुले हैं।
- मुंबई के बांद्रा में कलेक्टर ऑफिस के बाहर आरक्षण की मांग लेकर प्रदर्शन।
- सतारा में सब्जी मंडी और पेट्रोल पंप बंद कर दिए गए है। जबकि ओस्मानाबाद में राज्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सेवाएं आंशिक रूप से बंद हैं।- ओला और ऊबर चालकों ने डर के चलते सेवाएं बंद कर रखी हैं। कुछ जगहों पर सेवा जारी है लेकिन वहां सर्ज प्राइसिंग अधिक है।
- मराठा संरक्षण के लिए मराठा क्रांति मोर्चा द्वारा मांगे जाने वाले राज्यव्यापी बंद के बाद, महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें पुणे में नहीं चलाई जा रही हैं। -
- नवी मुंबई के जीटीबी नगर में शांति पूर्ण माहौल है।
- मराठा संगठन के एक नेता ने कहा कि सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन होगा। बंद से सभी आवश्यक सेवाओं, स्कूलों और कॉलेजों को अलग रखा गया है।
आरक्षण के बारे में कदम उठाने के लिए फडणवीस ने नवम्बर तक का समय मांगा है। बंद की पूर्व संध्या पर वरिष्ठ मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने आज कहा कि उनकी मांग पर 15 नवम्बर तक ‘‘कुछ नहीं किया जा सकता।’’ राज्य पुलिस ने कहा है कि वह अपने कर्मियों की अधिकतम तैनाती करेगी और साथ ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बलों की भी मांग करेगी। एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने बंद के मद्देनजर संवेदनशील स्थानों पर त्वरित कार्यबल की छह कंपनियां और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल तथा राज्य रिजर्व पुलिस बल की एक-एक कंपनी तैनात की है।
उन्होंने बताया कि विभिन्न स्थानों पर पुलिस की मदद के लिए होमगार्ड के जवान भी तैनात किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस ने कार्यकर्ताओं से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने और कानून व्यवस्था को हाथ में नहीं लेने की अपील की है। पुलिस सोशल मीडिया पर भी नजर रखेगी। राज्य के मुख्य सचिव डीके जैन ने बंद से पहले सुरक्षा उपायों की समीक्षा की है। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उपनगरीय रेल सेवा सुचारु ढंग से चले तथा स्कूल एवं अन्य सेवाएं प्रभावित न हों।
राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय राज्य की आबादी का लगभग 30 फीसदी हैं जो 16 फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं। इससे पहले हुए प्रदर्शन के दौरान 23 जुलाई को 27 वर्षीय एक युवक ने औरंगाबाद के नजदीक गोदावरी नदी में छलांग लगा दी थी जिसके बाद लोग हिंसक हो गए थे।
महाराष्ट्र के कुछ हिस्से खासकर नवी मुंबई के कोपरखैरने और कलमबोली में पिछले महीने मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा हुई थी। सकल मराठा समाज के एक नेता ने कहा कि कल सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन होगा। संगठन के नेता अमोल जाधवराव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह राज्यव्यापी बंद होगा जिसमें नवी मुंबई शामिल नहीं होगा। बंद से सभी आवश्यक सेवाओं, स्कूलों और कॉलेजों को अलग रखा गया है।’’
(भाषा इनपुट)
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