Mahakumbh 2025: महाकुंभ में राज्यपाल-सीएम को वीआईपी प्रोटोकॉल?, प्रयागराज में 21 अतिथि गृहों में 314 कमरे वीआईपी...
By राजेंद्र कुमार | Updated: December 25, 2024 14:38 IST2024-12-25T14:37:58+5:302024-12-25T14:38:51+5:30
Mahakumbh 2025: असम, केरल, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तराखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी संगम में स्न्नान करने के लिए पहुंचेंगे.

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Mahakumbh 2025: अर्धकुंभ, कुंभ और महाकुंभ के अवसर पर देश और दुनिया के कोने-कोने से करोड़ों लोगों का आगमन होता है. इस दौरान कुंभ के क्षेत्र में देश का संपूर्ण सांस्कृतिक स्वरूप दिखता है. अमीर से लेकर गरीब व्यक्ति कुंभ में स्नान करने के लिए पहुंचाते है. अगले साल प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलेगा. इस दौरान केंद्र सरकार के तमाम मंत्री और असम, केरल, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तराखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी संगम में स्न्नान करने के लिए पहुंचेंगे. इन वीवीआईपी नेताओं के कुंभ क्षेत्र में पहुंचने पर उनके लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने विशेष प्रबंध कर रहा है, ताकि कुंभ के दौरान कोई इन्हें किसी को कोई असुविधा ना हो. इसले लिए पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारियों की ड्यूटी बुधवार को फाइनल की गई है.
वीवीआईपी नेताओं के लिए की गई यह व्यवस्था
प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, इस बार के महाकुंभ मेला में पहला मुख्य स्नान अगले साल (पौष पूर्णिमा) को यानी 13 जनवरी को होगा और अंतिम मुख्य स्नान (महाशिवरात्रि) 26 फरवरी को होगा. इन 45 दिनों की अवधि में देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं के साथ बड़ी संख्या में वीआईपी और वीवीआईपी मेला क्षेत्र में स्नान करने पहुंचेगे.
महाकुम्भ मेला की सुखद अनुभूति प्राप्त कराने एवं उनके रुकने तथा अन्य प्रोटोकॉल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार विशेष प्रबंध कर रही है. अधिकारियों के अनुसार, महाकुंभ के दौरान देश-विदेश के तीर्थयात्री, पर्यटक, विशिष्ट एवं अतिविशिष्ट ( राज्यों के राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री आदि) महानुभावों के अलावा उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति गण का आगमन होगा.
मेला क्षेत्र में आने वाले इन सभी महानुभावों की प्रोटोकॉल व्यवस्था के लिए शासन स्तर से 03 अपर जिलाधिकारी, 03 उप जिलाधिकारी, 03 नायब तहसीलदार एवं 04 लेखपाल तैनात किए जा रहे हैं. इसके साथ ही मेला क्षेत्र के सभी 25 सेक्टरों मे डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात जाने का फैसला किया गया है.
यह सभी अधिकारी प्रशासन और पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर अपने अपने सेक्टर मे प्रोटोकॉल की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे और वीवीआईपी को स्नान के लिए संगम के तट तक जाने के लिए जरूरी प्रबंध करेंगे. इसके अलावा मेले में आने वाले महानुभावों के ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मेला क्षेत्र में पांच स्थानों पर 250 टेंट की क्षमता के सर्किट हाउस की व्यवस्था की गई है.
इसके साथ ही ही मेले में आने वाले वीआईपी और वीवीआईपी (विशिष्ट / अतिविशिष्ट) महानुभावों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग द्वारा 110 काटेज की टेंट सिटी तैयार की जा रही है. वीआईपी और वीवीआईपी को संगम क्षेत्र में स्नान के लिए घाट तैयार करने के अलावा नदी में जेटी एवं मोटर वोट की व्यवस्था है. इसके अलावा 50 टूरिस्ट गाइड एवं अन्य सहायक स्टाफ की तैनाती भी सुनिश्चित की जा रही है.
अफसरों के रुकने के लिए भी बनी कॉटेज
मेला क्षेत्र में केंद्र सरकार के अधिकारियों के रहने और संगम में स्नान करने की व्यवस्था भी मेला प्राधिकरण कर रहा है. जिसके तहत केंद्र सरकार के कुल 15 विभागों द्वारा अपने कैम्प मेला क्षेत्र में निर्मित किए गए हैं. जिनमें विभागीय अधिकारियों के आने और रुकने का प्रबंध भी किया गया. कॉटेज की व्यवस्था इसके लिए गई है.
इसी तरह, मेला क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सरकार के कुल 21 विभागों द्वारा अपने कैम्प निर्मित किए गए हैं, जिनमें विभागीय अधिकारियों के लिए काटेज बनाई गई हैं. इसके अलावा प्रयागराज जिला प्रशासन के अधीन उपलब्ध 21 अतिथि गृहों में कुल 314 कक्ष भी वीआईपी/ वीवीआईपी नेताओं और अधिकारियों के लिए आरक्षित किए जा रहे हैं. इनके आने जाने के लिए कार आदि का प्रबंध भी किया गया है.



