Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में भगदड़ मचने के बाद प्रशासन और मुश्तैद हो गया है। यूपी सरकार ने पुलिस और सुरक्षा बलों की ज्यादा से ज्यादा तैनाती कर दी है। वहीं, 26 फरवरी तक चलने वाले कुंभ मेले में ऐसा दोबारा न हो इसके लिए सरकार ने कई बड़े कदम उठाए है।
राज्य सरकार ने पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित करने सहित पांच बड़े बदलाव लागू किए हैं। साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए और भीड़ नियंत्रण के लिए और तरह के नियमों का पालन किया जा रहा है।
गौरतलब है कि महाकुंभ मेले 2025 में पांच बड़े बदलाव किए गए है जो कुछ इस प्रकार है...
- पूर्ण नो-व्हीकल जोन: महाकुंभ मेला क्षेत्र में सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश सख्त वर्जित है।
- वीवीआईपी पास रद्द: किसी भी विशेष पास के बिना वाहन प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, जिससे कोई अपवाद नहीं रह जाएगा।
- वन-वे रूट लागू: श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू की गई है।
- वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित: प्रयागराज के पड़ोसी जिलों से आने वाले वाहनों को भीड़भाड़ कम करने के लिए जिले की सीमाओं पर रोका जा रहा है।
- 4 फरवरी तक सख्त प्रतिबंध: व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस तिथि तक शहर में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
भीड़ प्रबंधन प्रयासों को और मजबूत करने के लिए आईएएस अधिकारी आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को तत्काल प्रयागराज पहुंचने का निर्देश दिया गया है। दोनों अधिकारियों ने विजय किरण के साथ मिलकर 2019 अर्धकुंभ के सफल प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई थी। उस आयोजन के दौरान भानु गोस्वामी ने जिला मजिस्ट्रेट और कुंभ मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया था, जबकि आशीष गोयल इलाहाबाद के आयुक्त थे और प्रबंधन की देखरेख करते थे।
इसके अतिरिक्त, बड़े पैमाने पर आयोजनों को संभालने में पिछले अनुभव वाले पांच विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को महाकुंभ संचालन में सहायता के लिए नियुक्त किया गया है।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
भगदड़ के बाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और अंतर-विभागीय समन्वय पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई दिशा-निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) द्वारा महाकुंभ व्यवस्थाओं की समीक्षा करने का आदेश दिया।
प्रयागराज के एडीजी और जिला मजिस्ट्रेट को शहर से सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षित और सुचारू विदाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
भीड़ प्रबंधन के उपाय
प्रयागराज के रेलवे स्टेशनों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने घर लौटने की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे में श्री आदित्यनाथ ने अधिकारियों को रेल अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए परिवहन निगम को अतिरिक्त बसें चलाने का निर्देश दिया गया है।
मेला क्षेत्र में भीड़ के दबाव को नियंत्रित करने के लिए सीमा बिंदुओं पर होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं। स्थिति अनुकूल होने पर ही श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने दिया जाएगा। राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि इन इलाकों में भोजन, पेयजल और निर्बाध बिजली आपूर्ति की पर्याप्त व्यवस्था होगी।
अयोध्या, कानपुर, फतेहपुर, लखनऊ, प्रतापगढ़ और वाराणसी सहित प्रयागराज की ओर जाने वाले प्रमुख मार्गों पर गश्त बढ़ाने और यातायात को सुव्यवस्थित करने का आदेश दिया गया है।
न्यायिक आयोग का गठन
भगदड़ के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया है। इस पैनल में न्यायमूर्ति हर्ष कुमार, पूर्व महानिदेशक वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी वीके सिंह शामिल हैं।
न्यायिक जांच के अलावा, मुख्यमंत्री ने मरने वालों के परिवारों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की।