परिवार बना जंग का मैदान तो मद्रास HC ने पति को दिया निर्देश- कहीं और जाओ लेकिन पत्नी और बच्चों को तंग मत करो

By भाषा | Published: August 17, 2022 01:27 PM2022-08-17T13:27:49+5:302022-08-17T13:34:27+5:30

न्यायमूर्ति मंजुला ने कहा कि दंपति के 10 और छह साल के दो बच्चे हैं, पति का बुरा बर्ताव बच्चों की परवरिश में दिक्कत बनेगा। जब तक उनका व्यवहार परिवार की शांति को भंग नहीं करता है तो उनके एक ही घर में रहने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन इस मामले में हालात बिल्कुल अलग है।

madras hc gave instructions to the husband go somewhere else but do not harass the wife and children | परिवार बना जंग का मैदान तो मद्रास HC ने पति को दिया निर्देश- कहीं और जाओ लेकिन पत्नी और बच्चों को तंग मत करो

परिवार बना जंग का मैदान तो मद्रास HC ने पति को दिया निर्देश- कहीं और जाओ लेकिन पत्नी और बच्चों को तंग मत करो

Highlightsवकील पत्नी ने पति के उदंड व्यहार के चलते तलाक के लिए याचिका दायर की हैपत्नी ने इसके अतिरिक्त पति को घर से निकलने का निर्देश देने का अनुरोध संबंधी एक अन्य याचिका दाखिल की थीपति का दावा है कि वह बहुत अच्छा पिता है और उसकी पत्नी वकील होने के कारण उसे अदालत तक घसीट लायी है

चेन्नईः मद्रास उच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश में कहा कि अगर पति के दुर्व्यवहार से घर की शांति भंग होती है तो उसे घर से निकाल कर परिवार को व्यावहारिक तौर पर सुरक्षा देने में कोई झिझक नहीं होनी चाहिए। अदालत ने यह भी कहा कि जब एक दंपति एक छत के नीचे रहता है तो एक व्यक्ति का दूसरे के प्रति व्यवहार यह परिभाषित करने में हमेशा अहम होता है कि परिवार को दूसरों से कितना सम्मान मिलेगा।

 अदालत ने पति को कहीं और जाकर रहने का निर्देश दिया

न्यायमूर्ति आर एन मंजुला ने एक मामले में कारोबारी पति को अपनी पत्नी तथा दो बच्चों को छोड़ने तथा कहीं और जाकर रहने का निर्देश दिया। उसकी पत्नी पेशे से वकील है। पत्नी ने बताया कि उसने तलाक के लिए शहर की एक पारिवारिक अदालत में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई होने के दौरान ही उसने तलाक की याचिका का निस्तारण होने तक अपने बच्चों के हित के लिए पति को घर से निकलने का निर्देश देने का अनुरोध करने संबंधी एक और याचिका दायर की थी।

परिवार बना जंग का मैदान

पारिवारिक अदालत ने उसकी याचिका आंशिक रूप से मंजूर करते हुए पति को निर्देश दिया कि वह मुख्य याचिका का निपटारा होने तक उस घर की शांति को किसी भी तरीके से भंग न करें, जहां उसकी पत्नी तथा बच्चे रहते हैं। इससे असंतुष्ट पत्नी ने पुनर्विचार याचिका दायर की। न्यायमूर्ति मंजुला ने याचिका मंजूर करते हुए कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता और उसके पति के बीच वैवाहिक संबंध ठीक नहीं हैं तो परिवार जंग का एक मैदान बन गया है। पत्नी का कहना है कि उसका पति उद्दण्ड है तथा उसका व्यवहार खराब है जबकि पति का दावा है कि वह बहुत अच्छा पिता है और उसकी पत्नी वकील होने के कारण उसे अदालत तक घसीट लायी है।

पति ने पत्नी पर लगाए आरोप

अदालत ने कहा कि पति का कहना है कि उसकी पत्नी घर पर नहीं रहती और अक्सर बाहर रहती है। उसका दावा है कि एक आदर्श मां वह महिला होती है जो हमेशा घर पर रहती है और केवल घर का कामकाज करती है। न्यायमूर्ति मंजुला ने कहा कि दंपति के 10 और छह साल के दो बच्चे हैं, पति का बुरा बर्ताव बच्चों की परवरिश में दिक्कत बनेगा। जब तक उनका व्यवहार परिवार की शांति को भंग नहीं करता है तो उनके एक ही घर में रहने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन इस मामले में हालात बिल्कुल अलग है। उन्होंने कहा अगर एक पक्ष का बर्ताव आक्रामक है और वह आए दिन बखेड़ा खड़ा करता है तो पत्नी तथा बच्चों को लगातार डर और असुरक्षा के माहौल में रहने को विवश नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही अदालत ने पति को घर से निकलने का निर्देश दिया।

Web Title: madras hc gave instructions to the husband go somewhere else but do not harass the wife and children

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