मध्यप्रदेश: भारत बंद के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में बीजेपी नेता गिरिराज जाटव गिरफ्तार
By स्वाति सिंह | Updated: April 7, 2018 10:14 IST2018-04-07T10:14:06+5:302018-04-07T10:14:06+5:30
बता दें कि अनुसूचित जाति/जन जाति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में 2 अप्रैल को भारत बंद किया गया था। तब से लेकर 4 अप्रैल तक इसका असर देखने को मिला था।

मध्यप्रदेश: भारत बंद के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में बीजेपी नेता गिरिराज जाटव गिरफ्तार
भिंड, 7 अप्रैल: मध्यप्रदेश के भिंड जिले में भारत बंद के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में पुलिस ने शनिवार को बीजेपी नेता गिरिराज जाटव को गिरफ्तार किया है।गिरफ्तारी से पहले उनके बारे में सूचना के लिए 10,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
BJP's Giriraj Jatav arrested on charges of inciting violence in Bhind during #BharatBandh protests, earlier a reward of Rs 10,000 was declared for information leading to his arrest. #MadhyaPradesh
— ANI (@ANI) April 7, 2018
बता दें कि अनुसूचित जाति/जन जाति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में 2 अप्रैल को भारत बंद किया गया था। तब से लेकर 4 अप्रैल तक इसका असर देखने को मिला था। मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित 14 राज्यों में इसका असर देखने को मिला था। दलित संगठन और उनके समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान सड़कों पर जाम लगाया, ट्रेनें रोकी गईं और आगजनी की गई।
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मध्य प्रदेश में हिंसक प्रदर्शन और जमकर उपद्रव हुआ। सूबे के ग्वालियर, भिंड जिले में कई जगहों पर कर्फ्यू लगाया गया था। ग्वालियर में हिंसक प्रदर्शन के दौरान फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 15 लोग घायल होने की खबर थी। वहीं, भिंड में बंद के दौरान समर्थकों और विरोधियों के बीच पथराव भी हुआ था। इस दौरान पुलिस पर भी फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हुई थी, जबकि मुरैना में भड़की हिंसा में एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हुई।
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इस कानून को लेकर हुआ था विरोध
20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट SC/ST एक्ट पर फैसला सुनाया था। जिसपर पुनर्विचार याचिका दायर करते हुए केंद्र सरकार ने तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने और अग्रिम जमानत को मंजूरी दिए जाने के फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का तमाम दलित संगठन समेत कई राजनीतिक दलों ने इसकी आलोचना की थी। खुद बीजेपी के कई नेताओं ने इस फैसले पर पूर्नविचार की सिफारिश की थी।