Madhya Pradesh sarkaar taja khabar: CM निवास पर कांग्रेस विधायक-मंत्रियों से तलब, बढ़ाई सुरक्षा, व्हिप उल्लंघन करने के एक घंटे में सदस्यता होगी समाप्त

By राजेंद्र पाराशर | Updated: March 4, 2020 19:21 IST2020-03-04T19:12:42+5:302020-03-04T19:21:27+5:30

मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार पर मंगलवार की रात जो संकट गहराया, वह फिलहाल तो टलता नजर आ रहा है, मगर आशंका और अनहोनी अब भी बरकरार है. मुख्यमंत्री कमलनाथ से लेकर कांग्रेस नेता आज पूरी तरह भाजपा को कोसते रहे, साथ ही विधायकों पर भी नजरें गढ़ाए रहे.

Madhya Pradesh sarkaar taja khabar: Congress MLA-ministers summoned at CM residence, increased security, membership will be terminated in one hour of violation of whip | Madhya Pradesh sarkaar taja khabar: CM निवास पर कांग्रेस विधायक-मंत्रियों से तलब, बढ़ाई सुरक्षा, व्हिप उल्लंघन करने के एक घंटे में सदस्यता होगी समाप्त

कांग्रेस ने आज संकेत दिए है कि वह राज्यसभा के लिए 26 मार्च को होने वाले चुनाव के लिए जल्द ही व्हीप जारी करने वाले हैं.

Highlightsमध्य प्रदेश कांग्रेस सरकार पर आया संकट फिलहाल तो टलता नजर आ रहा हैकमलनाथ सरकार ने एहतियातन विधायकों और मंत्रियों की सुरक्षा भी बढ़ा दी है

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजनीति में हार्सट्रेडिंग के आरोपों के बाद कांग्रेस सरकार पर आया संकट फिलहाल तो टलता नजर आ रहा है, लेकिन आशंका और अनहोनी अब भी बरकरार है. बीती रात दिल्ली में मची उठापटक के बाद आज सुबह से राजधानी में मुख्यमंत्री निवास पर सियासी गतिविधियां का केन्द्र रहा. जहां पर कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों को बुलाया गया था. कुछ विधायक तो पहुंचे तो कुछ ने देर से सूचना का हवाला देकर पहुंचने की बात कही. वहीं सरकार ने एहतियातन विधायकों और मंत्रियों की सुरक्षा भी बढ़ा दी है साथ ही इंटेलिजेंस को भी सक्रिय कर विधायकों और मंत्रियों के कार्यक्रमों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.

मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार पर मंगलवार की रात जो संकट गहराया, वह फिलहाल तो टलता नजर आ रहा है, मगर आशंका और अनहोनी अब भी बरकरार है. मुख्यमंत्री कमलनाथ से लेकर कांग्रेस नेता आज पूरी तरह भाजपा को कोसते रहे, साथ ही विधायकों पर भी नजरें गढ़ाए रहे. दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा विधायकों को भाजपा के खेमे से वापस लाने के बाद आज कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों को मुख्यमंत्री निवास तलब किया, जहां अधिकांश विधायक तो पहुंचे, लेकिन कुछ नहीं पहुंचे. जो नहीं पहुंचे उन्होंने देरी से संदेश मिलना बताया और जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात करने की बात कही. मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे विधायक यही कहते रहे कि सरकार पर किसी तरह का संकट नहीं है. वहीं विधायक भाजपा को इसके लिए कोसते रहे और यह कहते नजर आए कि कांग्रेस सरकार पर किसी तरह का संकट नहीं है, सारे विधायक एकजुट हैं. मंत्रियों ने भी यही दावा किया कि कांग्रेस विधायक हमारे साथ है. कांग्रेस और बसपा, सपा और निर्दलीय विधायक भाजपा के साथ नहीं जाएंगे.

बढ़ाई सुरक्षा, इंटेलिजेंस भी अलर्ट

प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच विधायकों और मंत्रियों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. साथ ही इंटीलिजेंस भी अलर्ट कर दिया गया है. मंत्रियों के अलावा विधायकों की निगरानी में इंटीलिजेंस जुट गया है. सूत्रों की माने तो मंत्रियों के अलावा विधायकों के निवास पर अतिरिक्त बल तैनात किया गया है. वहीं विधायकों और मंत्रियों के कार्यक्रमों को लेकर भी इंटेलिजेंस को अलर्ट किया गया है. बताया जाता है कि इंटेलिजेंस द्वारा मंत्रियों और विधायकों के कार्यक्रमों की जानकारी जिलों से मंगवाई जा रही है, ताकि यह जानकारी में रहे कि कौन विधायक और मंत्री कब कहां पर किस कार्यक्रम में रहेगा. वैसे लॉ एन आर्डर से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि प्रोटोकोल के तहत विधायकों पूर्व से ही सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है, साथ ही एहतियात के तौर पर सुरक्षा व्यवस्था पर पूरी नजर रखी जा रही है.

व्हिप का उल्लंघन किया तो एक घंटे में सदस्यता समाप्त

कांग्रेस ने आज संकेत दिए है कि वह राज्यसभा के लिए 26 मार्च को होने वाले चुनाव के लिए जल्द ही व्हिप जारी करने वाले हैं. व्हिप का कोई भी कांग्रेस विधायक उल्लंघन नहीं करेगी. सहकारिता मंत्री डा. गोविंद सिंह ने कहा कि व्हिप 114 विधायकों के लिए जारी की जाएगी. अगर कोई भी विधायक व्हिप का उल्लंघन करेगा तो उसकी सदस्यता एक घंटे के अंदर समाप्त कर दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि राज्यसभा के लिए अगर मतदान होता है तो क्रास वोटिंग भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

मुख्यमंत्री कोई भी रहे, मंत्री तो मैं ही रहूंगा

सियासी घमासान के बीच राज्य के खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि सरकार रहे या जाए, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि अगर सरकार गिरती है तो मेरे सामने विकल्प खुले हैं, जायसवाल ने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश का मुख्यमंत्री चाहे कमलनाथ बने या शिवराज, मगर वे तो मंत्री बने रहेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे मेरे क्षेत्र का विकास करना है और क्षेत्र का विकास करने के लिए मैं अपनी जनता से किए हुए वादे के लिए सदा कटिबद्ध रहूंगा. खनिज मंत्री के इस बयान सामने आने के बाद कांग्रेस और कमलनाथ कैबिनेट के मंत्रियों की हलचल बढ़ा दी है. गौरतलब है कि प्रदीप जायसवाल को कांग्रेस का टिकट नहीं मिला था, जिसके बाद वे निर्दलीय रुप में चुनाव जीते थे. जायसवाल ने कांग्रेस का समर्थन किया है.

भाजपा कराए फ्लोर टेस्ट: ओझा

कांग्रेस की मीडिया प्रभारी शोभा ओझा ने कहा कि विधायकों को बंधक बनाने के बजाय भाजपा को फ्लोर टेस्ट कराना चाहिए, इसके लिए कमलनाथ सरकार तैयार है. उन्होंने कहा कि केंद्र की फासीवादी सरकार केंद्रीय एजेंसियों और धनबल का उपयोग कर8 विधायकों को अपने नियंत्रण में लेना चाहती थी, लेकिन वह सफल नहीं हुई और न होगी. उनका कहना है कि सभी विधायक कांग्रेस का अभी भी समर्थन कर रहे हैं. ओझा ने कहा कि भाजपा ने धनबल के आधार पर कर्नाटक, हरियाणा और अन्य जगहों पर लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास किया, इसके बाद वह अब यही प्रयास मध्यप्रदेश में कर रही है, लेकिन भाजपा का यह प्रयास मध्यप्रदेश में सफल नहीं होगा. ओझा ने कहा कि बसपा विधायक रामबाई को भी जबरिया दिल्ली के एक होटल में रोकने का प्रयास किया गया, इसका वीडियो भी सामने आया है.

आगे देखना किसके संपर्क में कितने विधायक

कोतमा के कांग्रेस विधायक सुनील सराफ ने कहा कि राजनीति धैर्य का खेल है. आगे देखना किसके संपर्क में कितने विधायक हैं. उन्होंने कहा कि अगर घर का कोई बच्चा रुठा हो और उसे मनाने की जरुरत पड़े तो इसका मतलब यह नहीं कि कोई बड़ी समस्या है. कांग्रेस पार्टी का एक भी विधायक नहीं टूटा है. उन्होंने कहा कि अगर कोई विधायक पार्टी लाइन के खिलाफ जा रहा है तो ऐसे लोगों को सोचना चाहिए कि जिन्हें पार्टी ने टिकट दिया, पैसा दिया और विधायक बनाया अब वह क्या कर रहे हैं. अगर ऐसा है तो ये ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि मुझे इस तरह का प्रलोभन देने की किसी में हिम्मत नहीं है.उन्होंने कहा कि इस समय तनाव नहीं है, परिस्थितियां इस तरह की निर्मित हो गई है, जिसके कारण नेता दिल्ली गए हैं.

शिवराज ने दिया था आफर

उज्जैन के तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाते हुए कहा कि चौहान ने उन्हें भाजपा में आने का आफर दिया था. इसके लिए भाजपा की ओर से 35 करोड़ रुपए देने की बात कही गई थी, साथ ही मंत्री पद का भी लालच दिया गया था. उन्होंने यह दावा भी किया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने फोन कर उन्हें आफर की पेशकश की गई थी.

5 नहीं 10 साल चलेगी कांग्रेस सरकार: पांसे

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने दावा किया कि कांग्रेस की सरकार 5 साल नहीं, बल्कि 10 साल चलेगी. भाजपा अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएगी. भाजपा को डर है कि उनके कार्यकाल में हुए घोटालों का पर्दाफाश होगा, इसके चलते वह इस तरह के प्रयास कर रही है. पांसे ने कहा कि भाजपा को सत्ता का लालच है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को राजनीति का लंबा अनुभव है. वे कहते कम हैं और करते ज्यादा हैं. यही वजह है कि भाजपा घबराई हुई है. उन्होंने कहा कि अभी तो कांग्रेस का यह ट्रेलर है, जब विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने का समय आएगा तब भाजपा को मुख्यमंत्री कमलनाथ, उसका असली चेहरा भी दिखा देंगे.

शिवराज, नरेन्द्र सिंह के लोग दे रहे आफर

राज्य के सहकारिता मंत्री डा. गोविंद सिंह ने कहा कि कांग्रेस विधायकों को शिवराज सिंह चौहान और नरेन्द्र सिंह तोमर के लोग तरह-तरह का आफर दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि नरेन्द्र सिंह तोमर सीधे तौर पर नहीं, बल्कि अपने लोगों के माध्यम से विधायक बैजनाथ कुशवाह से संपर्क में रहे. कुशवाह ने उनके मध्यस्थों से तोमर एवं शिवराज सिंह से मोबाइल पर बात कराने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया और कहा कि वे उनके साथ चलें, मगर कुशवाह नहीं गए. वे अब भी हमारे साथ हैं.

सरकार को खतरा नहीं, फिर हारेंगे शिवराज

लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि भाजपा चाहे जितना भी प्रयास कर लें, कमलनाथ सरकार को न खतरा था और न ही कोई खतरा है. उन्होंने कहा कि भाजपा का घिनौना चेहरा सामने आया है. उन्होंने इस बात का दावा किया कि भाजपा के 10 विधायक हमारे संपर्क में हैं. वर्मा ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री कमलनाथ एक बार हरा चुके हैं, वे फिर से हारने को तैयार रहें, फ्लोर टेस्ट होगा तो फिर शिवराज हारेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा को एक के बाद एक लगातार राज्यों में मिल रही हार के बाद से भाजपा के केन्द्रीय नेता बौखला गए हैं, इसके चलते वे इस तरह का प्रयास कर रहे हैं. वर्मा ने दावा किया कि भाजपा चाहे जितनी भी कोशिश कर लें, सरकार नहीं गिरा सकती.

असंतोष के कारण ऐसा हुआ: तन्खा

राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि आपरेशन लोटस की जानकारी पहले से ही थी कि भाजपा सरकार को गिराने का प्रयास करेगी. उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि भाजपा अपने लोगों को समझाए और वापस लाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कोई भी विधायक भाजपा में जाने का इच्छुक नहीं है. असंतोष के कारण ऐसा हो रहा है. समय आ गया है कि असंतोष को दूर किया जाए. पार्टी आलाकमान बड़े कदम उठा सकता है. तन्खा ने कहा कि अगर अलग से प्रदेश अध्यक्ष होता तो हालात ऐसे नहीं होते.   

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