मध्य प्रदेश: उज्जैनी नगरी के लोगों को सरकार ने दिया बड़ा सौगात, 598 करोड़ की कान्हा नदी डायवर्सन परियोजना को मिली कैबिनेट मंजूरी
By मुकेश मिश्रा | Published: December 7, 2022 03:11 PM2022-12-07T15:11:15+5:302022-12-07T15:27:54+5:30
आपको बता दें कि यह योजना आगामी सिंहस्थ वर्ष-2028 के पूर्व पूर्ण कर ली जावेगी। आगामी 30 वर्षों की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर इस योजना को तैयार की गई है।
भोपाल: 598 करोड़ की कान्हा नदी डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना को कैबिनेट बैठक में स्वीकृति दे दी है। इन्दौर शहर के समीप बहने वाली कान्ह नदी के दूषित जल को शिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए जल संसाधन विभाग की 598 करोड़ 66 लाख की परियोजना को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट् बैठक में मंजूरी दी है।
उज्जैनी नगरी के लोगों को लिए है बड़ा सौगात
आपको बता दें कि कान्ह नदी में इन्दौर शहर एवं औद्योगिक क्षेत्र का प्रदूषित जल प्रवाहित होता है। कान्ह नदी आगे चल कर उज्जैन के समीप क्षिप्रा में मिलती है शिप्रा नदी के जल को कान्ह नदी के दूषित जल से बचाने के लिए कान्ह नदी डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना तैयार की गई है।
महाकाल की कृपा से महाकाल लोक के बाद उज्जैनी नगरी के लिए यह एक और सौगात है जिसका सार्थक स्वरूप वर्ष-2028 के महाकुंभ सिंहस्थ में देखने को मिलेगा और पवित्र शिप्रा नदी में श्रद्धालुओ के लिए स्वच्छ जल स्नान के लिए उपलब्ध होगा।
एक स्टॉप डेम बनाकर दूषित जल को किया जाएगा डायवर्सन
इस योजना के अन्तर्गत कान्ह नदी के दूषित जल को शिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए ग्राम गोठड़ा जिला उज्जैन के समीप एक स्टॉप डेम बनाकर दूषित जल को डायवर्सन करते हुए उज्जैन शहर के कालियादेह ग्राम के समीप पुनः शिप्रा नदी में प्रवाहित करने की योजना प्रस्तावित की गई है।
साल 2028 में पूरा होगा काम
गौरतलब है कि यह योजना आगामी सिंहस्थ वर्ष-2028 के पूर्व पूर्ण कर ली जावेगी। आगामी 30 वर्षों की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर योजना तैयार की गई है। योजना के अन्तर्गत कान्ह नदी के 40 क्यूमैक नॉन मानसून फ्लो को डायवर्ट किया जाना प्रस्तावित है।
परियोजना के अन्तर्गत 100 मीटर लम्बाई में एप्रोच चैनल का निर्माण, 16.5 कि.मी. लम्बाई में 4.5 मीटर D-आकार के भूमिगत आर.सी.सी. बॉक्स का निर्माण तथा अंतिम 100 मीटर लम्बाई में ओपन चैनल का निर्माण किया जाएगा। ऐसे में परियोजना का रख-रखाव निर्माण ऐजेन्सी द्वारा 15 वर्ष तक किया जाएगा।