मध्य प्रदेश: खतरे में कमलनाथ सरकार, 8 मंत्री, 21 विधायक बागी, होली के दिन कांग्रेस विधायक दल की बैठक
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 10, 2020 08:52 AM2020-03-10T08:52:26+5:302020-03-10T08:52:26+5:30
मध्य प्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित उनके 27 समर्थक विधायकों के मोबाइल फोन अचानक बंद होने के बाद बुलाई गई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूद करीब 20 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रति आस्था जताते हुए सोमवार देर रात को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ नीत सरकार पर 'व्यापक बगावत' के चलते खतरा मंडरा रहा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत उनके समर्थक 29 विधायकों के मोबाइल फोन अचानक बंद हैं और माना जा रहा है कि 8 मंत्रियों समेत ये विधायक बेंगलुरु में डेरा डाले हुए हैं, जबकि सिंधिया दिल्ली में हैं. सोशल मीडिया एवं न्यूज चैनलों पर कयास है कि सभी विधायक हवाई मार्ग से बेंगलुरु रवाना हुए हैं. 20 मंत्रियों के इस्तीफे लिये इस बीच, देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आपात कैबिनेट बैठक बुलाकर सभी मंत्रियों से इस्तीफे ले लिये. भोपाल में मौजूद 20 मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए. मुख्यमंत्री के अलावा कुल 28 मंत्री हैं.
होली के दिन कांग्रेस विधायक दल की बैठक, लिया जा सकता है बड़ा फैसला
अब आज (10 मार्च) सुबह कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है. कैबिनेट की आपात बैठक से ठीक पहले कमलनाथ ने आज मुख्यमंत्री आवास पर दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह एवं वरिष्ठ मंत्रियों के साथ दो घंटे तक चर्चा की. देर रात कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने बयान जारी किया और कहा कि भाजपा सेे संबद्ध माफिया उनकी सरकार अस्थिर करने का प्रयास कर रहा है, जिससे वे सफल नहीं होने देंगे. इससे पहले कमलनाथ ने दोपहर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और शाम को दिल्ली पहुंचे. . सिंधिया समर्थित जिन मंत्रियों के मोबाइल फोन बंद हैं, उनमें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसी सिलावट, श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं. इनके अलावा, सिंधिया समर्थक 21 विधायकों से भी मोबाइल पर संपर्क नहीं हो पा रहा है. दो अन्य मंत्री भी कैबिनेट बैठक में नहीं थे और उन्होंने इस्तीफे नहीं दिए है. इससे बागी मंत्रियों की संख्या 8 होने की आशंका है.
सोनिया से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने दिल्ली में सोमवार दोपहर को कहा कि सभी मुद्दों पर चर्चा हुई। यह पूछे जाने पर कि क्या राज्यसभा उम्मीदवार को लेकर कोई नाम तय हुए हैं तो मुख्यमंत्री ने कहा कि उम्मीदवारों पर फैसला सर्वसम्मति से होगा। सोनिया गांधी के साथ 20 मिनट तक चली कमलनाथ की मुलाकात के दौरान राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के संदर्भ में मुख्य रूप से चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने सोनिया को राज्य के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम से भी अवगत कराया.
माफिया-भाजपा की सरकार अस्थिर करने की साजिश- कमलनाथ
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने देर रात कहा कि मैंने समूचा सार्वजनिक जीवन जनता की सेवा के लिए समपिरत किया है. मेरे लिए सरकार होने का अर्थ सत्ता की भूख नहीं, जन सेवा का पवित्र उद्देश्य है. 15 वषार्ेंतक भाजपा ने सत्ता को सेवा नहीं, भोग का साधन बनाए रखा था. वह आज भी अनैतिक तरीके से मध्य प्रदेश की सरकार को अस्थिर करना चाहती है. माफिया की मदद से मेरी सरकार को अस्थिर करने की कोशिशें हो रही है, जिनको सफल नहीं होने दूंगा. मैंने भू-माफिया, रेत, दवा, खाद माफिया के खिलाफ अभियान चलाकर उसकी कमर तोड़ दी. इसके बाद माफिया के हाथ का खिलौना बनी भाजपा उनकी सरकार अस्थिर करने का प्रयास कर रही है.