कूनो में जल्द बसाये जाने वाले चीतों के लिए मध्यप्रदेश वन विभाग ने शुरू किया जागरूकता अभियान

By भाषा | Published: July 15, 2021 08:07 PM2021-07-15T20:07:39+5:302021-07-15T20:07:39+5:30

Madhya Pradesh Forest Department started awareness campaign for cheetahs to be settled soon in Kuno | कूनो में जल्द बसाये जाने वाले चीतों के लिए मध्यप्रदेश वन विभाग ने शुरू किया जागरूकता अभियान

कूनो में जल्द बसाये जाने वाले चीतों के लिए मध्यप्रदेश वन विभाग ने शुरू किया जागरूकता अभियान

भोपाल, 15 जुलाई धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाले स्तनधारी जानवर चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाकर इस साल नवंबर में मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बसाया जाएगा। इस योजना में कोई बाधा न हो, इसके लिए मध्य प्रदेश वन विभाग ने इस उद्यान के आसपास के लोगों को चीतों एवं मनुष्यों के सहअस्तित्व के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान शुरू कर दिया है।

देश में अंतिम धब्बेदार चीता वर्ष 1947 में अविभाजित मध्य प्रदेश के कोरिया इलाके में देखा गया था, जो अब छत्तीसगढ़ में आता है। बाद में वर्ष 1952 में इस जानवर को देश में विलुप्त घोषित कर दिया गया था। भारतीय वन्यजीव संस्थान ने कुछ वर्षों पहले देश में चीते को फिर से बसाने की योजना तैयार की है।

एक वन अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बृहस्पतिवार को बताया, ‘‘चीता को फिर से बसाने से पहले यह एक प्रचार और जागरूकता अभियान है। इसमें बताया जा रहा है कि यह मनुष्यों के लिए हानिकारक नहीं है। चीता मनुष्यों पर हमला नहीं करता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह अभियान इसलिए किया जा रहा है ताकि चीतों के बारे में यदि कोई भ्रांत धारणाएं हों तो उन्हें दूर किया जा सके। अभियान में बताया जा रहा है कि चीता क्या है? इसे क्यों लाया जा रहा है? यह खतरनाक नहीं है। लोगों में इस तरह की भ्रांत धारणाएं न हो, इसके लिए दो दिन पहले हमने कूनो राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के लोगों में जानकारी देने के लिए यह अभियान शुरू किया है।’’

उन्होंने माना कि मानव-पशु संघर्ष को टालने के लिए गांवों में अभियान चलाया जा रहा है।

वहीं, मध्यप्रदेश वन विभाग के प्रधान मुख्य संरक्षक (वन्यजीव) आलोक कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि यह इस उद्यान के आसपास के लोगों को जागरूक करने की कवायद है।

उन्होंने इस बात से इनकार किया कि वन अधिकारी लोगों के बीच इस भय के बाद अभियान चला रहे हैं कि चीता मनुष्यों का शिकार करते हैं।

मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक तरह का विज्ञापन है कि चीता को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में लाया जा रहा है। असलियत में इस उद्यान के आसपास के लोग बहुत उत्साहित हैं क्योंकि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और वहां रोजगार पैदा होगा।’’

कुमार ने कहा कि नवंबर में दक्षिण अफ्रीका से करीब 12 चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाया जाएगा।

चंबल संभाग में आने वाला कूनो राष्ट्रीय उद्यान करीब 750 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है और चीते को फिर से बसाने के लिए देश के सबसे बेहतर पर्यावास में से यह एक है। इसमें चीतों के लिए अच्छा शिकार भी मौजूद है, क्योंकि यहां पर चौसिंगा हिरण, चिंकारा, नीलगाय, सांभर एवं चीतल बड़ी तादाद में पाये जाते हैं।

केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अनुसार इस साल मई से अगस्त के बीच मध्य प्रदेश वन विभाग को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के लिए बाड़ा तैयार करना है और इनको बसाने के लिए इस वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 14 करोड़ रूपये का अनुमानित बजट है।

अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) के रेड डाटा की सूची के अनुसार चीते को लुप्तप्राय प्रजातियों में माना जाता है, क्योंकि अब इनकी आबादी 7,000 से कम हो गई है और इनमें से भी अधिकतर अफ्रीका में ही हैं।

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Web Title: Madhya Pradesh Forest Department started awareness campaign for cheetahs to be settled soon in Kuno

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