Madhya pradesh flood : राज्य में बाढ़ से मरने वालों की संख्या हुई 24, गुना जिले में फंसे 14 ग्रामीणों को बचाया गया , भारी बारिश ने बरपाया कहर
By दीप्ती कुमारी | Published: August 8, 2021 02:30 PM2021-08-08T14:30:15+5:302021-08-08T14:37:52+5:30
मध्यप्रदेश में बाढ़ और भारी बारिश के कारण जगजीवन अस्त-व्यस्त है । रविवार को बाढ़ के कारण 24 लोगों की जान चली गई । वहीं मध्यप्रदेश में बाढ़ से ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी गई थी ।
भोपाल : पिछले एक सप्ताह से मध्यप्रदेश में बारिश ने कहर बरपा रखा है । मध्यप्रदेश के चंबल-ग्वालियर क्षेत्र में बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या रविवार को संख्या 24 हो गई । ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, श्योपुर, दतिया, अशोकनगर, भिंड और मुरैना जिले में मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ के बाद से लगभग 1,250 गांव अभी भी बाढ़ की चपेट में है ।
राजस्व सचिव ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा कि राज्य के बाढ़ से प्रभावित इलाकों में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है । ये मौतें 1 से 7 अगस्त के बीच दर्ज की गई है।
गुना जिले के सुंडा गांव में शुक्रवार की रात पार्वती नदी का तट बहने के बाद कम से कम 145 लोग अपने घरों में फंस गए थे । सरकार ने हेलीकॉप्टर और नावें भेजी और सभी फंसे हुए लोगों को सफलतापूर्वक बचा लिया गया और अगले दिन सभी को राजस्थान के छाबड़ा ले जाया गया । एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सेना और वायु सेना ने अब तक बाढ़ के कारण फंसे 8,800 लोगों को बचाया है और 29,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
बाढ़ के कारण राज्य को भी भारी नुकसान हुआ है । बाढ़ में 25,000 से अधिक घर और इमारतें क्षतिग्रस्त हुई है । नदी में करंट के तेज बहाव के कारण 6 पुल बह गए । फिलहाल सेना की 5 यूनिट मुरैना, शिवपुरी, भिंड, शिवपुर और अशोकनगर जिले में बचाव और राहत कार्य में लगी हुई है । एसडीआरएफ की 29 टीमों को सेवा में लगाया गया है और एनडीआरएफ की 9 इकाइयां मुरैना, भिंड, गुना, अशोकनग,र शिवपुरी में तैनात है । बचाव कार्य में वायुसेना के तीन हेलीकॉप्टर मदद कर रहे हैं।
डिविजन आयुक्त आशीष सक्सेना ने पीटीआई को बताया कि राज्य के ग्वालियर और चंबल संभागों में बाढ़ के कारण फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है । इस बीच मध्य प्रदेश कांग्रेस नेता कमलनाथ ने राज्य में भाजपा शासन पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार राजनीति करने में व्यस्त है जबकि लोगों को बारिश और बाढ़ के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है।