MP चुनावः पूर्व CM बाबूलाल गौर के बदलते रुख से BJP की बढ़ी चिंता, मनाने की कोशिशें हुई तेज
By शिवअनुराग पटैरया | Published: November 6, 2018 07:34 AM2018-11-06T07:34:56+5:302018-11-06T07:34:56+5:30
गोविन्दपुरा सीट से अपना टिकट कटते और बहू कृष्णा गौर को उनके स्थान पर टिकट न मिलते देख बाबूलाल गौर ने रविवार को देर रात लगभग धमकी भरे अंदाज में कहा था कि उनकी बहू को गोविंदपुरा से टिकट नहीं दिया तो कृष्षा गौर गोविंदपुरा से वे हूजुर चुनाव लड़ेंगे।
मध्यपदेश की राजधानी भोपाल की गोविन्दपुरा सीट को लेकर फंसा पैंच अब तक नहीं सुलझा है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान राजधानी की गोविंदपुरा सीट से बाबूलाल गौर को टिकट देने के पक्ष में नहीं है। वहीं उनकी बहू कृष्णा गौर को भी उनके स्थान पर टिकट देने को भी भाजपा ने कोई आश्वसन नहीं दिया है। इसको लेकर गौर और उनकी बहू के बदलते तेवरों ने भाजपा को सांस्त में डाल दिया है। दरअसल लगभग अस्सी वर्षीय गौर इस क्षेत्र से 10 बार चुनाव जीत चुके हैं और 11वीं बार फिर मैदान में ताल ठोंकना चाह रहे हैं।
बाबूलाल दे चुके धमकी
गोविन्दपुरा सीट से अपना टिकट कटते और बहू कृष्णा गौर को उनके स्थान पर टिकट न मिलते देख बाबूलाल गौर ने रविवार को देर रात लगभग धमकी भरे अंदाज में कहा था कि उनकी बहू को गोविंदपुरा से टिकट नहीं दिया तो कृष्षा गौर गोविंदपुरा से वे हूजुर चुनाव लड़ेंगे। राजधानी के हूजूर विधानसभा से क्षेत्र से प्रदेश से भाजपा ने रामेश्वर शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने रविवार देर रात कहा था कि पहले मुझसे मुख्यमंत्री का पद छीना, उसके बाद मंत्री की कुर्सी छीनी और अब विधायक के टिकट से वंचित कर रहे है। मैं दस बार का विधायक हूं। गौर के इन तेवरों के बाद भाजपा के नेतृत्व सक्रिय हो गया।
बाबूलाल को टिकट मिलने का पूरा भरोसा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद रविवार देर रात केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कृष्णा गौर को बुलाकर समझाने का प्रयास किया, पर बात जहां की तहां रही। आज बाबूलाल गौर थोड़े पिघले पर उनका अंदाज नहीं बदला। उन्होंन कहा मुझे पूरा भारोसा कि उन्हें टिकट मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भोपाल यात्रा के दौरान कह गए थे कि टिकट क्यों नहीं मिलेगी उन्होंने कहा था कि ‘बाबूलाल गौर एक बार और’। अपने स्वर को बदलते हुए बाबूलाल गौर ने कहा कि वे चुनाव लड़ेगें और भाजपा से ही गोविंदपुरा से ही प्रत्याशी होगें। कुछ इसी तरह उनकी बहू कृष्णा गौर ने बात सभालते हुए कहा कि मुझे संघगठन पर पूरा भारोसा है। उन्होंने कहा की उनकी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय नरेन्द्र सिंह तोमर से बात हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने उन्हें भारोसा दिलते हुए कहा की वह उनकी बहन है और उनका ध्यान रखा जाएगा।
भाजपा दुविधा में फंसी
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और उनकी बहू कृष्णा गौर के तेवरों को बदलते वयानो और तेवरों को लेकर भाजपा नेतृत्व दुविधा में है कि क्या किया जाए, बताया जा रहा है कि अगर भाजपाने बाबूलाल गौर या अथवा कृष्णा गौर को अपना प्रत्याशी नहीं बनाया तो वे कांग्रेस से लेकर निर्दलीय चुनाव लड़ सकते है। मध्यप्रदेश की सियासत में बाबूलाल गौर एसे भाजपा नेता के तौर पर जाने जाते है जिनके कांग्रेसी नेताओं से बहूत अच्छे तलुकात है। वे तमाम अवसरों पर तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री और अब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ की तरीफ करते रहे हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के साथ भी जाने जाते रहे हैं।