लाइव न्यूज़ :

मध्यप्रदेश चुनाव: बीजेपी और कांग्रेस की नजरें छह छोटे दलों पर, किसे मिलेगा इनका साथ?

By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Updated: October 22, 2018 07:40 IST

मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार राज्य में बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी के अलावा राज्य के छोटे दलों गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस), बहुजन संघर्ष दल और सपाक्स पार्टी पर भाजपा और कांग्रेस की नजरें टिकी हुई है। इस बार इन दलों दलों का समीकरण ये दल ही बिगाडेÞंगे।

Open in App

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में द्वि-दलीय धु्रवीकरण को राज्य के छोटे दल कितनी चुनौती देंगे, यह कहना अभी मुश्किल है, मगर इन दलों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की नजरें टिकी हुई है। मध्यप्रदेश में छोटे दलों की अब तक के चुनाव में केवल वोट काटने वाले दलों के रुप में ही उपस्थित हुई है।

मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार राज्य में बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी के अलावा राज्य के छोटे दलों गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस), बहुजन संघर्ष दल और सपाक्स पार्टी पर भाजपा और कांग्रेस की नजरें टिकी हुई है। इस बार इन दलों दलों का समीकरण ये दल ही बिगाडेÞंगे।

बसपा ने राज्य में सभी 230 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला लिया है। बसपा के अलावा आम आदमी पार्टी और सपाक्स पार्टी ने भी राज्य की सभी 230 सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। वहीं सपा और गोंगपा गठबंधन के सहारे चुनाव मैदान में उतारने का फैसला ले चुके हैं। इसके अलावा जयस ने 80 विधानसभा सीटों पर चुनाव मैदान में उतारने का फैसला लिया है। वहीं बहुजन संषर्घ दल ने भी राज्य की 230 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है।

सभी दलों ने राज्य में चुनावी तैयारी भी तेज कर दी है, मगर अब तक किसी भी दल ने अपने सारे प्रत्याशी घोषित नहीं किए है, आम आदमी पार्टी, सपाक्स पार्टी और जयस राज्य में पहली बार चुनावी समर में उतर रहे हैं। आप का प्रदेश में अभी जमीनी संघर्ष ही नजर आया है, अभी तक इसके प्रभाव वाला कोई एक जिला नजर नहीं आता है।

वहीं एस्ट्रोसिटी एक्ट के विरोध के बाद सपाक्स पार्टी ने मालवा, ग्वालियर-चंबल अंचल में अपनी पकड़ को मजबूत बनाया है। सपाक्स के अलावा जयस का प्रभाव क्षेत्र मालवा ही नजर आता है, जबकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी महाकौशल और विंध्य, सपा और बसपा विंध्य और ग्वालियर-चंबल में अपना प्रभाव रखते हैं। इस चुनाव में सपाक्स इन दोनों दलों के लिए चुनौती बन सकता है, इसके अलावा बहुजन संघर्ष दल का भी प्रभाव ग्वालियर-चंबल अंचल में ही दिखाई देता है।

मध्यप्रदेश में वैसे तो द्विदलीय स्थिति चुनाव में देखी गई है। तीसरा मोर्चा या फिर छोटे दलों का प्रभाव मात्र वोट काटने वाला ही साबित हुआ है। इन दलों की स्थिति सरकार बनाने या फिर गिराने में कभी नहीं रही, लेकिन इस बार जिस तरह से बसपा, सपा, गोंगपा, जयस और सपाक्स पार्टी दंभ भर रहे हैं कि हमारे बिना भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल सरकार नहीं बना सकते, उस स्थिति में ये दल कितने खरे उतरेंगे यह कहना अभी मुश्किल है। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो इस बार भी ये दल कितनी भी उठा-पटक कर लें, मगर स्थिति वोट काटने जैसी ही रहेगी।

टॅग्स :मध्य प्रदेश चुनावभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
Open in App

संबंधित खबरें

भारतकौन होगा बीजेपी का अगला अध्यक्ष? इन तीन दावेदारों पर सबकी नजर...

भारतDelhi Polls: आज बीजेपी जारी करेगी संकल्प पत्र का पार्ट-3, केजरीवाल के 'फ्री स्कीम' की तरह किए वादे; पढ़ें पूरी लिस्ट

भारतDelhi Election 2025: प्रवेश वर्मा के खिलाफ AAP के आरोपों पर जांच के आदेश, दिल्ली पुलिस से EC लेगा रिपोर्ट

भारतNayab Singh Saini Oath Ceremony LIVE: नायब सिंह सैनी ने ली CM पद की शपथ, दूसरी बार बने हरियाणा के मुख्यमंत्री

भारतNayab Singh Saini Oath Ceremony: नायब सिंह सैनी ने पंचकूला में लेंगे सीएम पद की शपथ, जानें इससे जुड़ी 10 अहम बातें

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत