मध्य प्रदेश चुनाव 2018: बीजेपी में बढ़ रही आंतरिक कलह, विधायक ने फूंका केंद्रीय मंत्री के नाम से पुतला

By बृजेश परमार | Published: November 4, 2018 09:13 AM2018-11-04T09:13:08+5:302018-11-04T09:13:08+5:30

भाजपा की घोषित सूची में घट्टिया क्षेत्र से वर्तमान विधायक सतीश मालवीय के स्थान पर नागदा नगर पालिका अध्यक्ष अशोक मालवीय के नाम की घोषण के साथ ही भाजपा का टिकट वितरण का कलह सामने आ गया।

madhya pradesh election 2018: BJP MLA ghatiya Constituency Satish Malviya angry with minister Thawar Chand Gehlot | मध्य प्रदेश चुनाव 2018: बीजेपी में बढ़ रही आंतरिक कलह, विधायक ने फूंका केंद्रीय मंत्री के नाम से पुतला

मध्य प्रदेश चुनाव 2018: बीजेपी में बढ़ रही आंतरिक कलह, विधायक ने फूंका केंद्रीय मंत्री के नाम से पुतला

मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में चार विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों की घोषणा होने के साथ ही बगावत के स्वर फूट पड़े हैं। भाजपा की घोषित सूची में घट्टिया क्षेत्र से वर्तमान विधायक सतीश मालवीय के स्थान पर नागदा नगर पालिका अध्यक्ष अशोक मालवीय के नाम की घोषण के साथ ही भाजपा का टिकट वितरण का कलह सामने आ गया। घट्टिया विधानसभा क्षेत्र से अशोक मालवीय का नाम आते ही स्थानीय कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया। अशोक मालवीय नागदा के रहने वाले हैं। इसके चलते उज्जैन के भाजपा कार्यालय के सामने स्थनीय दावेदारों के साथ कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत का पुतला फूंक दिया। 

स्थानीय दावेदारों के अनुसार अशोक मालवीय को थावरचंद का समर्थन है। घोषित 4 विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों में से तीन मौजूदा विधायक हैं जिनको रिपीट किया गया है। घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में बदलाव किया गया है । दरअसल अशोक मालवीय, थावरचंद गहलोत गुट के समर्थक माने जाते हैं। माना जा रहा है कि अशोक मालवीय का टिकट उनके बलबूते पर ही संभव हो पाया है । बाहरी प्रत्याशी को टिकट देने के विरोध में 50 से अधिक कार्यकर्ताओं ने उज्जैन के भाजपा कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी करते हुए मंत्री थावरचंद गहलोत का पुतला फूंक दिया। स्थानीय दावेदार अब पार्टी के खिलाफ काम करने की बात कर रहे हैं।

पारस जैन 7 वीं बार बने उम्मीदवार

जिले की सात में से 4 उम्मीदवारों की घोषणा में उज्जैन उत्तर विधानसभा से ऊर्जा मंत्री पारसचंद जैन को 7 वीं बार पार्टी ने विश्वास जताते हुए मैदान में उतारा है। उन्हें पहली बार 1990 में राम लहर के समय मैदान में उतारा गया था। कांग्रेस के दिग्गज तत्कालीन उद्योग मंत्री डॉ। राजेंद्र जैन को उन्होंने शिकस्त दी थी। इसके बाद पार्टी ने उन पर निरंतर भरोसा जताया। इस बीच पारस जैन 1998 में राजेंद्र भारती के हाथों पराजित भी हुए। पारस जैन कुल पांच बार विधायक बने, एक बार चुनाव हारे और 7वीं बार पार्टी की और से प्रत्याशी बनाए गए हैं। 

Web Title: madhya pradesh election 2018: BJP MLA ghatiya Constituency Satish Malviya angry with minister Thawar Chand Gehlot

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