भोपाल:मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुमत प्राप्त कर सत्ता में वापसी की आस लगाएं कांग्रेस को परिणामों से कई झटके लगे हैं। एक तो अब वह अगले पांच वर्ष विपक्ष में रहेगी और दूसरा राज्यसभा में उसके सदस्यों के समीकरण भी गड़बड़ा गए हैं । क्योकिं अब 66 सीटों के साथ कांग्रेस सिर्फ एक ही सदस्य को राज्यसभा के लिए चुन पाएगी। 2 अप्रैल को मध्य प्रदेश से राज्यसभा की पांच सीटों पर सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने से खाली हो रही हैं। राज्यसभा में मध्य प्रदेश से 11 सदस्य है।
एमपी में भाजपा को मिली प्रचंड जीत से अब उसके चार सदस्य मध्यप्रदेश से राज्यसभा जाएंगे। कांग्रेस का एक ही सदस्य चुना जा सकेगा। गौरतलब है कि 230 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 163 विधायक और कांग्रेस के 66 विधायक हैं। राज्यसभा का एक सदस्य को चुनने के लिए 39 विधायकों के वोट की आवश्यकता होती है। इस प्रकार भाजपा के चार सदस्य चुने जा सकते हैं। राज्यसभा में मध्य प्रदेश से 11 सदस्य होते हैं।