मध्य प्रदेश: चपरासी की 15 पोस्ट के लिए 11 हजार ने किया आवेदन, योग्यता 10वीं, आवेदकों में पोस्ट-ग्रेजुएट, इंजीनियर, एमबीए और सिविल जज के उम्मीदवार
By विशाल कुमार | Published: December 29, 2021 08:13 AM2021-12-29T08:13:53+5:302021-12-29T10:04:26+5:30
कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि हम साल में एक लाख भर्तियां करेंगे। हम बैकलॉग पदों को भरने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। सरकारी नौकरी में रोजगार तो हर कोई चाहता है लेकिन मैं आपको सच बताना चाहता हूं कि हर छात्र को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती।
भोपाल: मध्य प्रदेश में 10वीं पास योग्यता वाले चपरासी, ड्राइवर और वाचमैन के लिए निकली 15 पोस्ट के लिए ग्रेजुएट, पोस्ट-ग्रेजुएट, इंजीनियर और एमबीए के साथ सिविल जज के उम्मीदवारों ने भी आवेदन किया।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार और रविवार को होने वाली इस भर्ती के लिए मध्य प्रदेश के कोने-कोने से ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के भी बेरोजगार युवा आए।
उम्मीदवारों में से एक अजय बघेल ने कहा कि मैं एक साइंस ग्रेजुएट हूं। मैंने एक चपरासी के लिए आवेदन किया है। पीएचडी करने वाले लोग यहां लाइन में हैं।
लॉ ग्रेजुएट जितेंद्र मौर्य ने कहा कि मैंने ड्राइवर के पद के लिए आवेदन किया है। मैं जज की भी परीक्षा की तैयारी कर रहा हूं। मैं माधव कॉलेज से हूं। स्थिति ऐसी है कि कभी-कभी किताबें खरीदने के लिए पैसे नहीं होते हैं। इसलिए, मुझे लगा कि मुझे कुछ काम मिल जाएगा।
अल्ताफ जैसे कुछ दूसरे राज्यों से भी आए हैं। उन्होंने बताया कि मैं ग्रेजुएट हूं और उत्तर प्रदेश से चपरासी की नौकरी के लिए आया हूं।
कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि हम साल में एक लाख भर्तियां करेंगे। हम बैकलॉग पदों को भरने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। सरकारी नौकरी में रोजगार तो हर कोई चाहता है लेकिन मैं आपको सच बताना चाहता हूं कि हर छात्र को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती।
मध्य प्रदेश के रोजगार पंजीकरण कार्यालयों में बेरोजगारों की कुल संख्या 32,57,136 है। जबकि स्कूल शिक्षा विभाग में 30,600 रिक्त पद हैं, गृह विभाग में 9,388, स्वास्थ्य विभाग में 8,592 और राजस्व विभाग में 9,530 रिक्तियां हैं। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में करीब एक लाख पद खाली हैं।
नौकरी चाहने वालों का कहना है कि यही कारण है कि हजारों लोग ग्वालियर की तरह कम वेतन वाली सरकारी नौकरियों के लिए भी आवेदन कर रहे हैं।सरकार की हालिया स्ट्रीट वेंडर योजना में 15 लाख आवेदन आए. चयनित 99,000 में से लगभग 90 प्रतिशत ग्रेजुएट हैं।
थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के अनुसार, नवंबर में मध्य प्रदेश में बेरोजगारी दर केवल 1.7 प्रतिशत थी। हालांकि, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े दिखाते हैं कि अकेले मध्य प्रदेश में पिछले साल बेरोजगारी के कारण कम से कम 95 लोगों की आत्महत्या से मौत हुई।