जामिया के बाद नागरिकता कानून के खिलाफ लखनऊ के नदवा कॉलेज में भी प्रदर्शन, पुलिस पर पथराव
By विनीत कुमार | Published: December 16, 2019 11:43 AM2019-12-16T11:43:07+5:302019-12-16T12:04:56+5:30
नागरिकता कानून पर प्रदर्शन: इससे पहले रविवार देर शाम भी नदवा कॉलेज में बड़ी संख्या में छात्र जुटे। ये सभी दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में उतरे थे
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की तस्वीरें उत्तर प्रदेश से भी आने लगी हैं। लखनऊ के दारुल उलुम नदवातुल उलामा (नदवा) कॉलेज में सोमवार को भारी संख्या में जुटे छात्रों ने प्रदर्शन किये और फिर पुलिस पर पत्थरबाजी भी की गई। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार पुलिस ने प्रदर्शन क देखते हुए कॉलेज के गेट को बाहर से बंद कर दिया। इस दौरान प्रदर्शकारी छात्र जामिय के छात्रों के समर्थन में नारे लगाते रहे।
लखनऊ के एसपी कलानिधि नैथानी ने बताया, 'करीब 30 सेकेंड तक पत्थरबाजी होती रही जब 150 के करीब लोग नारे लगाते हुए आ गये। स्थिति अब सामान्य है। छात्र अपनी कक्षा की ओर जा रहे हैं।'
इससे पहले रविवार देर शाम भी नदवा कॉलेज में बड़ी संख्या में छात्र जुटे। ये सभी दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में उतरे थे जो पिछले कई दिनों से नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
दूसरी ओर हैदराबाद के मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU) में भी छात्रों ने जामिया के छात्रों के समर्थन मे विरोध-प्रदर्शन किया।
Lucknow: Protests in Nadwa college against #CitizenshipAmendmentAct. Stone pelting breaks out. pic.twitter.com/UAOOgG1wYF
— ANI UP (@ANINewsUP) December 16, 2019
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली जामिया मिल्लिया इस्लामिया में रविवार को प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए कम से कम 50 छात्रों को सोमवार तड़के रिहा कर दिया गया। हालांकि विश्वविद्यालय में स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 50 छात्रों में से 35 छात्रों को कालकाजी पुलिस थाने से और 15 छात्रों को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस थाने से रिहा किया गया।
इससे पहले रविवार रात को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) ने कालकाजी पुलिस थाना प्रभारी को जामिया के ‘घायल’ छात्रों को रिहा करने अथवा बिना किसी विलंब के उन्हें इलाज के लिए किसी अच्छे अस्पताल ले जाने के निर्देश दिए थे। विश्वविद्यालय में रविवार को हुई हिंसा के बाद स्थिति सोमवार को भी तनावपूर्ण बनी हुई है और कई छात्र-छात्राएं अपने घरों के लिए रवाना हो रहे हैं।
(पीटीआई इनपुट के साथ)