उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने छह लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 6, 2023 04:46 PM2023-08-06T16:46:24+5:302023-08-06T16:47:57+5:30
मामला 24 फरवरी, 2020 को गोली लगने से न्यू मुस्तफाबाद निवासी 25 वर्षीय शाहिद उर्फ अल्लाह मेहर की मौत से संबंधित है। पीड़ित को चांद बाग मजार के पास मुख्य वजीराबाद रोड दिल्ली के सर्विस रोड पर स्थित कंपनी की छत पर गोली लगी थी।
नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने साल 2020 में हुए उत्तर-पूर्वी दिल्ली सांप्रदायिक दंगों के एक मामले में आरोपी छह लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। इस घटना में बंदूक की गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जांच के दौरान यह सामने आया कि नागरिकता संशोधन विधेयक का लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी।
मामला 24 फरवरी, 2020 को गोली लगने से न्यू मुस्तफाबाद निवासी 25 वर्षीय शाहिद उर्फ अल्लाह मेहर की मौत से संबंधित है। उपराज्यपाल ने अपराध के लिए मोहम्मद फिरोज, चांद मोहम्मद, रईस खान, मोहम्मद जुनैद, इरशाद और अकील अहमद के खिलाफ 1 मार्च, 2020 को पुलिस स्टेशन दयाल पुर, दिल्ली में दर्ज मामले की एफआईआर संख्या 84/2020 में अभियोजन की मंजूरी दे दी।
आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए और 505 (1) के तहत मामला दर्ज किया गया है। धारा 153ए के तहत आरोपियों को तीन साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। धारा 505 (1) भड़काने वाले बयानों से संबंधित है। कोई भी ऐसा बयान, अफवाह या रिपोर्ट जिससे जनता के किसी भी वर्ग या व्यक्ति को राज्य के खिलाफ या सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराध करने के लिए प्रेरित किया जाए, धारा 505 (1) के तहत आपराध है। इसमें दोषी सिद्ध होने पर आरोपी को तीन साल की सजा, या जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।
मौजूदा मामले में छह गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में खुलासा किया कि वे दंगों में शामिल थे। वे सप्तर्षि इस्पात एंड अलॉयज प्राइवेट लिमिटेड की इमारत में जबरदस्ती घुस गए थे और अन्य दंगाइयों के साथ फर्म के कार्यालय को लूट लिया था। 24 फरवरी, 2020 को हुए सांप्रदायिक दंगे की घटना के दौरान पीड़ित को चांद बाग मजार के पास मुख्य वजीराबाद रोड दिल्ली के सर्विस रोड पर स्थित कंपनी की छत पर गोली लगी थी।