लाउडस्पीकर विवाद: मुसलमानों ने प्रशासन से कहा, "शिरडी साईं की आरती अज़ान की तरह पवित्र है, साईं मंदिर को इस विवाद से दूर रखें"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 6, 2022 03:20 PM2022-05-06T15:20:22+5:302022-05-06T15:29:16+5:30
महाराष्ट्र के शिरडी स्थित साईंबाबा के मुसलमान भक्तों ने शिरडी पुलिस को आवेदन देकर कहा है कि साईं मंदिर और उनकी होने वाली रोजाना आरती को लाउडस्पीकर विवाद से दूर रखा जाए।
मुंबई:महाराष्ट्र में सियासी लड़ाई का जरिया बने लाउडस्पीकर ने भले ही उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच जंग की स्थिति पैदा कर दी हो लेकिन इसी लाउडस्पीकर विवाद में एक ऐसा मामला भी सामने आया है, जिसे धार्मिक सद्भाव की मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है।
महाराष्ट्र के शिरडी स्थित साईंबाबा के मुसलमान भक्तों ने शिरडी पुलिस को आवेदन देकर कहा है कि साईंबाबा के मंदिर और उनकी होने वाली रोजाना आरती को लाउडस्पीकर विवाद से दूर रखा जाए।
इसके साथ ही शिरडी के जामा मस्जिद के मौलवी और अन्य सदस्यों ने लिखित आवेदन देकर शिरडी पुलिस से साईंबाबा मंदिर में होने वाली आरती के लिए लाउडस्पीकर प्रयोग करने की इजाजत देने की मांग की है।
समाचार वेबसाइट 'मिड डे' के मुताबिक शिरडी के मुसलमानों में साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट द्वारा लाउडस्पीकर बंद किये जाने से भारी दुख और निराशा है। इसलिए शिरड़ी के मुस्लिम समुदाय ने ने पुलिस अधिकारियों को मंदिर को लाउडस्पीकर विवाद से दूर रखने की गुजारिश की है।
अहमदनगर के पुलिस अधीक्षक को लिखे पत्र में कहा गया है, “शिरडी के साईंबाबा हिंदू और मुसलमानों की एकता और सौहार्द के प्रतीक हैं, ऐसे में उन्हें लाउडस्पीकर विवाद से दूर रखा जाए और हम सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मस्जिद में होने वाली सुबह की अजान के लिए लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं करेंगे लेकिन हम साईं की काकड़ आरती के लिए मांग करते हैं कि मंदिर को लाउडस्पीकर की इजाजत दी जाए।"
मालूम हो कि शिरडी स्थित साईं बाबा मंदिर में हर दिन पांच बार साईंबाबा की आरती की जाती है। इन आरतियों में सुबह 5 बजे की भूपाली आरती, सुबह 5.15 बजे काकड़ आरती और रात 10 बजे होने वाली शेज आरती प्रमुख है। साईं मंदिर प्रशासन ने बुधवार से सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार आरती में प्रयोग होने वाले लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को पूरी तरह से बंद कर दिया है।
इसके अगले दिन गुरुवार को शिरडी स्थित जामा मस्जिद ट्रस्ट ने तहसीलदार के कार्यालय के साथ-साथ शिरडी पुलिस स्टेशन को अपनी ओर से आवेदन देते हुए कहा, “शिरडी के सभी लोग मांग करते हैं कि राजनीतिक फायदे के लिए साईं मंदिर की सदियों पुरानी परंपरा पर रोक न लगाई जाए। जामा मस्जिद साईं के काकड़ आरती के लिए लाउडस्पीकर की अनुमति देने की मांग करती है।"
इस संबंध में जामा मस्जिद ट्रस्ट के सचिव हाजी सैय्यद इब्राहिम हुसैन ने कहा, “किसी को भी साईं मंदिर में लाउडस्पीकर के उपयोग से कोई आपत्ति नहीं है। हम पीढ़ियों से चले आ रहे भाईचारे को नहीं तोड़ना चाहते हैं। शिरडी साईं की आरती अज़ान की तरह ही पवित्र है।"
इस मामले में शिरडी थाने के एसएचओ गुलाबराव पाटिल ने कहा कि हमें जामा मस्जिद की ओर से साईं मदिर में लाउडस्पीकर इजाजत का पत्र मिला है लेकिन हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण इस मामले में कोई आदेश नहीं दे सकते हैं।
एसएचओ गुलाबराव पाटिल ने कहा कि शिरडी स्थित मस्जिद और साईं मंदिर ने सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार बुधवार से लाउडस्पीकरका प्रयोग बंद कर दिया है। जहां तक मुस्लिम समुदाय की ओर से की गई अपील का सवाल है तो पुलिस उनकी भावनाओं का सम्मान करती है लेकिन कानूनी तौर पर हम इस मामले में कोई फैसला नहीं ले सकते हैं।