राजस्थानः मी टू से मुक्त हुए पूर्व मंत्री राजकुमार शर्मा, मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: April 3, 2019 07:49 PM2019-04-03T19:49:44+5:302019-04-03T19:58:08+5:30
नवलगढ़ की ही एक युवती ने नवलगढ़ थाने में 1 दिसंबर 2018 को जीरो नंबरी एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि डॉ. शर्मा ने सम्मानित करने के बहाने अपने आवास पर बुलाया और वहां छेड़खानी और दुष्कर्म का प्रयास किया गया.
नवलगढ़ से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. राजकुमार शर्मा को मी टू के मामले में क्लीनचिट मिल गई है और पुलिस की अपराध शाखा (सीआईडी-सीबी) ने एफआर लगा दी है.
डॉ. शर्मा, जब पिछली बार अशोक गहलोत सीएम थे तब मंत्री बने थे, लेकिन इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली थी. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अब क्लीनचिट मिलने के बाद जल्दी ही डॉ. शर्मा को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.
डॉ. शर्मा पर दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आरोप लगाए गए थे, लेकिन अब उन्हें क्लीनचिट मिल गई है.
उल्लेखनीय है कि नवलगढ़ की ही एक युवती ने नवलगढ़ थाने में 1 दिसंबर 2018 को जीरो नंबरी एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि डॉ. शर्मा ने सम्मानित करने के बहाने अपने आवास पर बुलाया और वहां छेड़खानी और दुष्कर्म का प्रयास किया गया.
नवलगढ़ थाना पुलिस ने जीरो नंबर एफआईआर दर्ज करके मामले को जयपुर के बजाज नगर थाना पुलिस के पास भेज दिया. इसकी जांच क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी को दी गई थी.
जांच में यह सामने आया कि युवती सीजोफ्रेनिया बीमारी से पीड़ित थी, जिसमें मरीज को कई भ्रम होते हैं. यही नहीं, युवती द्वारा एफआईआर में लगाए गए आरोपों और कोर्ट में दिए बयानों में भी विरोधाभास रहा. युवती जिस दिन की घटना बता रही थी, उस दिन राजकुमार शर्मा विधानसभा की कार्यवाही में उपस्थित थे.
याद रहे, वर्ष 2013 के विस चुनाव में डॉ. शर्मा को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था, किन्तु वे बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़े और जीते थे. इस बार नवलगढ़ से कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया था, जहां से उन्होंने 79570 वोट हांसिल किए और 35 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी.