Lokmat Parliamentary Awards 2023: पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को मिला सर्वश्रेष्ठ महिला सांसद का पुरस्कार, जानें उनके बारे में
By रुस्तम राणा | Published: February 6, 2024 05:19 PM2024-02-06T17:19:27+5:302024-02-06T17:19:27+5:30
हरसिमरत कौर पंजाब के एक बड़े राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखती हैं। उनके पति सुखबीर सिंह बादल पंजाब के डिप्टी सीएम रह चुके हैं और वह शिरोमणि अकाली दल पार्टी के अध्यक्ष हैं। जबकि उनके ससुर स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री थे।
Lokmat Parliamentary Awards 2023: पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कार समारोह में सर्वश्रेष्ठ महिला सांसद का पुरस्कार दिया गया है। हरसिमरत कौर बादल शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) की तेज तर्रार नेता हैं। वर्तमान में वह पंजाब की बठिंडा लोकसभा सीट से सांसद हैं। उन्हें अपनी पार्टी की ओर से अक्सर सदन के अंदर और बाहर सामाजिक मुद्दों को उठाते हुए देखा जाता है। हाल में बादल ने 01 फरवरी को अंतरिम बजट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बजट खोखला है और इसमें किसानों और गरीबों के लिए कोई लाभ नहीं है।
पंजाब के रसूखदार सियासी परिवार से है ताल्लुक
हरसिमरत कौर पंजाब के एक बड़े राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखती हैं। उनके पति सुखबीर सिंह बादल पंजाब के डिप्टी सीएम रह चुके हैं और वह शिरोमणि अकाली दल पार्टी के अध्यक्ष हैं। जबकि उनके ससुर स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री थे। कौर के भाई विक्रम सिंह मजीठिया भी एसएडी पार्टी के नेता हैं और वह राज्य के पूर्व मंत्री हैं।
दिल्ली में हुआ जन्म, यहीं से प्राप्त की शिक्षा
पूर्व केंद्रीय मंत्री का जन्म दिल्ली में हुआ था और यहीं से उन्होंने अपनी पढ़ाई-लिखाई की। कौर ने लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल से मैट्रिक पास करने के बाद टेक्सटाइल डिजाइन में डिप्लोमा किया हुआ है। शिक्षा प्राप्त करने के बाद 21 नवंबर 1991 को सुखबीर सिंह बादल से हरसिमरत कौर की शादी हुई और उनके तीन बच्चे हैं।
2009 में पहलीबार रखा सियासी दुनिया में कदम
हरसिमरत कौर बादल ने साल 2009 के लोकसभा चुनाव से अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की। बठिंडा सीट से लोकसभा चुनाव जीतकर वह संसद सदस्य के रूप में पहलीबार चुनी गईं। इसके बाद उन्होंने साल 2014 और 2019 में भी लगातार इस सीट से चुनाव जीतकर हैट्रिक बनाई। चूंकि उनकी पार्टी भाजपा नेतृत्व के एनडीए की हिस्सा थी, तो उन्हें मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री पद दिया गया।
साल 2020 में केंद्रीय मंत्री पद से दिया इस्तीफा
मोदी सरकार के अंतर्गत साल 2014 से 2020 तक वह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री रहीं। लेकिन साल 2020 में जब कृषि कानून के विरोध में एसएडी ने एनडीए से नाता तोड़ लिया, तो कौर ने मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया। उनकी पार्टी शिरोमणि अकाली दल का आरोप था कि इन विधेयकों को लेकर केंद्र सरकार ने उनसे कोई सलाह नहीं ली।